टीआरपी न्यूज/नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की शुरुआत में भारत टेस्टिंग किट का आयात करता था, लेकिन अब हर महीने देश में ही 30 लाख किट बनाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जून माह में देश की जरूरत के हिसाब से शत-प्रतिशत किट यहीं पर बनने लग जाएंगे। केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव डॉ. रेणू स्वरूप ने इस बात की जानकारी दी।


डॉ. रेणू स्वरूप ने कहा कि यह महामारी शुरू होने के 15 दिन के अंदर ही इस रोग की ट्रेकिंग और टेस्टिंग किट आदि के करीब 500 उपाय हमारे सामने आ गए थे। अब जल्द ही भारत हर मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा। यहां के स्टार्टअप नए विचारों पर काम कर रहे हैं और दुनिया भारत को मैन्युफैक्चिरिंग हब के रूप में देख रही है।


उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में देश में सिर्फ 17 हजार वेंटिलेटर थे और दो महीने में ही इनकी मांग 70 हजार तक पहुंच गई थी। अब स्टार्टअप कंपनियां इनको बना रही हैं। इसी तरह पीपीई किट और मास्क भी बाहर से आयात किए जाते थे, आज 600 कंपनियां किट और मास्क का निर्माण कर रही हैं।

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