नई दिल्‍ली। 11 वर्षों के बाद मुंबई शहर एक बार फिर से चक्रवाती तूफान की टक्‍कर झेलने को तैयार है। 11 वर्ष पहले पश्चिमी तट से फ्यान चक्रवाती तूफान (Phyan Cyclonic Strom) टकराया था। इस चक्रवाती तूफान ने अलीबाग के पास महाराष्‍ट्र तट को पार किया था। इसकी वजह से रत्‍नागिरी, रायगढ़, सिंधुदुर्ग, ठाणे और पालधर के तटीय जिलों में काफी नुकसान हुआ था। आपको बता दें कि ये वही जिले हैं जिनमें इस बार भी निसर्ग को देखते हुए कड़ी निगाह और सावधानी बरती जा रही है। भारतीय मौसम विभाग ने निसर्ग को लेकर चेतावनी दी है कि ये फ्यान चक्रवात की तरह ही अलीबाग से टकरा सकता है।

7 मीटर ऊंची लहर उठने की आशंका

आपको बता दें कि निसर्ग के खतरे के मद्देनजर महाराष्‍ट्र समेत गुजरात और गोवा में भी अलर्ट जारी किया गया है। इसकी वजह से महाराष्‍ट्र के मालवन से लेकर वसई तट पर 3-7 मीटर तक ऊंची लहर उठने की आशंका जताई गई है। वहीं गोव में ये 2-4 मीटर तक ऊंची हो सकती हैं। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र और गहरा हो गया है। विभाग ने आशंका जताई है कि ये बुधवार देर शाम तक उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तटों तक पहुंच सकता है।

100-110 किमी की रफ्तार से चलेंगी हवाएं

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक इसके उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट से होकर गुजरने का अनुमान है। इस दौरान 100-110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। दक्षिण गुजरात और तटीय महाराष्ट्र में इस दौरान अत्यधिक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक तेज हवाओं से पेड़, बिजली के खंभों और दूरसंचार टावर उखड़ने की आशंका है।

ये है तैयारी

इसके खतरे को देखते हुए आपदा प्रबंधन दल हाई अलर्ट पर है और समुद्र पर पैनी निगाह रखे हुए है। एनडीआरएफ के खतरे वाली जगहों से लोगों को निकालने के काम में लगे हैं। मछुआरों के समुद्र में जाने पर रोक लगा दी गई है और समुद्री तटों पर लाल रंग के झंडे जो खतरे का संकेत देते हैं, लगा दिए गए हैं। निसर्ग के खतरे के मद्देनजर एनडीआरएफ के 33 दल तैनात किए हैं। गुजरात में एनडीआरएफ की 17 दल हैं, जिनमें दो को रिजर्व रखा गया है। महाराष्ट्र में छह रिजर्व दल सहित बल के 16 दल होंगे। इसके प्रत्येक दल में 45 जवान होते हैं। ये दल पेड़ तथा खंभे काटने की मशीन, संचार उपकरण, छोटी नौकाओं और मूलभूत चिकित्सा शाखा से लैस होते हैं।

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