नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन के जानलेवा कोरोना वायरस के इलाज के लिए फिर से मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल की अनुमति देने के बाद भारत की कोविड डिप्लोमसी फिर से रफ्तार पकड़ सकती है। दरअसल, भारत ने अमेरिका समेत कई देशों कोरोना से निपटने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक भेजी थी। बता दें कि WHO ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनियाभर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका ‘द लैंसेट’ एक रिपोर्ट के बाद कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगा थी। पर रिपोर्ट के डेटा पर सवाल उठने के बाद पत्रिका ने उस रिपोर्ट को ही वापस ले लिया है।
रिपोर्ट के डेटा पर उठे गंभीर सवाल
स्टडी में लिखा था कि प्राथमिक रिपोर्टों के साथ आए नतीजों से पता चलता है कि क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अकेले या फिर अझिथ्रोमाइसिन के साथ खाना लाभदायक नहीं है। इसे खाने से अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों को नुकसान हो सकता है। स्टडी में यह भी लिखा था कि हार्ट के मरीजों में इस दवा के इस्तेमाल मृत्युदर बढ़ सकती है। द लैंसेट के अलावा इस स्टडी के लेखकों सपन देसाई, मंदीप मेहरा और अमित पटेल का एक पेपर ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में भी छपा था।
ट्रंप ने की थी HCQ की वकालत
ध्यान रहे कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी महीने की शुरुआत में भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर पाबंदी हटाने की मांग की थी। इसी हफ्ते उन्होंने बताया कि वो कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिंक (Zinc) के साथ मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ले रहे हैं। इससे पहले अमेरिका सरकार के विशेषज्ञों ने भी कहा था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी कोविड-19 के इलाज में कारगर नहीं है।
भारत ने 133 देशों को भेजी थी HCQ दवा
भारत ने मई के मध्य में HCQ और पारासिटामोल की खुराक 133 से ज्यादा देशों को मदद के साथ-साथ बेचा भी था। इसमें 446 मिलियन HCQ टैबलेट्स और 15.4 मिलियन पारासिटामोल टैबलेट्स थे। भारत 76 देशों को मदद के तौर पर HCQ टैबलेट्स मुहैया करा रहा है। अगर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन किसी विवाद में पड़ता तो भारत का यह प्रयास खतरे में पड़ जाता। भारत ने इस दवा की खुराक सबसे पहले अपने नजदीकी पड़ोसियों को मुहैया कराया था। इसके बाद खाड़ी देशों, एशियाई देशों, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों की मदद की थी।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi Newsके अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें
Facebookपर Like करें, Twitterपर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें।