नई दिल्‍ली। पूर्वी लद्दाख एलएसी पर जारी गतिरोध को खत्‍म करने के लिए भारतीय कूटनीति का बड़ा असर सामने आया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों ने कई बिंदुओं को छोड़ा है। हालांकि यह पहलकदमी दोनों पक्षों से नजर आई है। जानकारी के मुताबिक गलवन क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से ढाई किलोमीटर पीछे हटी है, वहीँ भारत ने अपने सैनिकों को कुछ पीछे हटाया है। इससे पहले चार जून को भी ऐसी रिपोर्ट आई थी कि चीनी सेना दो किलोमीटर पीछे हट गई है। चीन ने उक्‍त कदम छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक से पहले उठाए थे।

अभी कल ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि मौजूदा वक्‍त में देश का नेतृत्‍व मजबूत हाथों में है और देश के आत्‍मसम्‍मान पर आंच नहीं आने दी जाएगी। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा था कि भारत और चीन मौजूदा गतिरोध को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं जिसके नतीजे सकारात्मक रहे हैं। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि दोनों पक्ष राजी हुए हैं कि उनको अपने शीर्ष नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू करने की जरूरत है ताकि गतिरोध को विवाद में बदलने से रोका जा सके।

बता दें कि लद्दाख के पैंगोग त्सो झील, गलवन घाटी और डेमचोक तीन ऐसे स्थान थे जहां भारतीय और चीनी सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी थीं। बीते दिनों हुई सैन्‍य अधिकारियों के स्‍तर पर बातचीत में भारत ने साफ कर दिया था कि वह अपने जवानों को तब तक इलाके से नहीं हटाएगा जब तक कि चीनी सेना इलाके में पूर्व की स्थिति को बहाल नहीं कर देती। चुशूल सेक्टर के सामने चीन के मोल्डो सैन्य बेस में हुई उक्‍त बैठक में भारत का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया। उनके साथ दो ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी भी शामिल थे।