नई दिल्ली। दिल्ली दंगा मामले में पुलिस ने शाहरुख पठान और चार अन्य लोगों दंगा भड़काने का दोषी पाया है। दिल्ली पुलिस की ओर दाखिल की गई चार्जशीट में बताया गया कि शाहरुख मौजपुर चौक पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की गहरी साजिश में शामिल था।


बता दें इसी शाहरुख पठान को दिल्ली हिंसा के दौरान एक दिल्ली पुलिस के एक सिपाही पर पिस्तौल तानते देखा गया था। इस मामले में जांच एजेंसी मंगलवार को दिल्ली हिंसा मामले से जुड़े पठान समेत अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट के सामने प्रस्तुत की। इसके साथ ही अदालतों के सामने तीन अलग-अलग मामलों में तीन चार्जशीट दाखिल की जाएंगी। जिसमें मौजपुर चौक दंगा केस, कर्दमपुरी पुलिया दंगा केस और कर्दमपुरी सरकारी डिस्पेंसरी दंगा केस शामिल है।


जानें पूरा मामला


दिल्ली पुलिस ने मौजपुर चौक हिंसा मामले में पाया कि 24 फरवरी को सुबह 11 बजे दो गुट चौक पर आपस में भिड़ गए। इनमें से एक गुट नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन कर रहा था जबकि दूसरा इसके विरोध में था। हालांकि शुरुआती दौर में यह विरोधी शांतिपूर्ण था, लेकिन देखते ही देखते यह हिंसा में तब्दील हो गया और दोनों ओर से पथराव होने लगा। इसके बाद दोनों गुटों की ओर से ईंट-पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं।

इस हिंसा में न केवल कई पुलिसकर्मी घायल हुए बल्कि अन्य लोगों को भी गंभीर चोटें आईं। इसी दिन विनोद सिंह नाम के एक शख्स ने संबंधित घटना में अपनी जान गंवा दी। जिसके बाद विनोद सिंह हत्या मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने इस मामले में शाहरुख पठान समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस के अनुसार जांच में सामने आया है कि शाहरुख पठान एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी है। यह मामला सरेआम एक सिपाही पर दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने से जुड़ा है।