कोविड पैनल ने कहा, अलग-अलग राज्यों में अलग टाइम पर आएगा पीक, दिए ये सुझाव

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग टाइम पर पीक पर पहुंचेगा। 15वें वित्त आयोग की ओर से स्वास्थ्य पर गठित एक हाई लेवल पैनल ने यह बात कही है। अलग-अलग टाइम पर पीक आने की संभावना को देखते हुए पैनल ने राज्यों के बीच संसाधनों के आदान-प्रदान की सलाह दी है ताकि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतर इस्तेमाल हो सके।

हाई-लेवल ग्रुप के कन्वीनर और एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने ऐसे मैकेनिजम की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि मैनपावर और उपकरणों को जरूरत पड़ने पर एक से दूसरे राज्य में ले जाया जा सके।
पैनल ने कहा है कि अलग-अलग राज्यों में महामारी की रफ्तार अलग है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, बंगाल और दिल्ली में सर्वाधिक केस हैं। हालांकि, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और केरल में कर्व कुछ सपाट हुआ है। आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि ‘ट्रैक, ट्रेस और ट्रीट’ की मौजूदा रणनीति ने महाराष्ट्र और गुजरात को छोड़कर अन्य जगहों पर अच्छा काम किया है। हाई लेवल ग्रुप ने पिछले महीने बेहद कम अवधि, कम अवधि और मध्यम अवधि के लिए उपाय सुझाए हैं।
बेहद कम अवधि के अपाय में रैपिड टेस्टिंग, सर्विलांस, कंटेनमेंट, सस्ती दवाओं की आपूर्ति, रूरल मोबाइल हेल्थ यूनिट और वेंटिलेटर्स, पीपीई किट, मास्क, ऑक्सिजन आदि की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है।
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच लद्दाख में दो सड़कों पर काम जारी
नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत भारत पूर्वी लद्दाख में चीन की सीमा के पास दो प्रमुख सड़कों पर काम कर रहा है। पहली सड़क दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (डीएस-डीबीओ) है जो देश के उत्तरी-सबसे चौकी, दौलत बेग ओल्डी को कनेक्टिविटी प्रदान करती है, दूसरी सड़क जो ससोमा से सेसर ला तक बनाई जा रही है, अंततः काराकोरम पास के पास डीबीओ को एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान कर सकती है।

दोनों परियोजनाओं को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है, जो रणनीतिक सड़कों के निर्माण के लिए लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में चीन की सीमा के पास के क्षेत्रों में 11,815 श्रमिकों को पार कर रहा है,
अडानी ग्रीन एनर्जी ने लगाई दुनिया की सबसे बड़ी सौर बोली, 6 अरब डॉलर का करेगी निवेश
नई दिल्ली। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने दुनिया की सबसे बड़ी सौर बोली लगाई है। इसके तहत कंपनी 8,000 मेगावाट के एक फोटोवोल्टिक (पीवी) बिजली संयंत्र का निर्माण और 2,000 मेगावाट की एक घरेलू सौर पैनल विनिर्माण क्षमता स्थापित करेगी। कंपनी इसमें लगभग 6 अरब डॉलर के कुल निवेश करेगी।

राज्य द्वारा संचालित अक्षय ऊर्जा एजेंसी SECI (पूर्व में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) से घरेलू विनिर्माण-जुड़े सौर ऊर्जा परियोजनाओं की पेशकश के तहत, एज्योर पावर को 4,000 मेगावाट की पीवी परियोजना और 1,000 मेगावाट की सौर किट विनिर्माण क्षमता का निर्माण करने के लिए भी मिलेगा।
अमेरिका के बाद भारत में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा गंभीर मरीज
नई दिल्ली। भारत भले ही संक्रमण के मामले में पांचवें नंबर हो लेकिन गंभीर मरीजों की संख्या में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। वल्डोमीटर के आंकड़ों को देखें तो अमेरिका में गंभीर मरीजों की संख्या 16,923 जबकि भारत में 8,944 है। भारत से कई गुना ज्यादा संक्रमण वाले ब्राजील व रूस में भी इतने मरीज नहीं हैं। ब्राजील में भारत से तीन गुना ज्यादा लोग वायरस की चपेट में हैं, फिर भी वहां 8,318 मरीज गंभीर रूप से पीड़ित हैं। रूस में दोगुने केस होने के बाद भी वहां ऐसे मरीजों की संख्या भारत की एक चौथाई है। स्पेन, ब्रिटेन, इटली व जर्मनी में एक हजार से कम ऐसे मामले हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले बताया था कि देश में पांच फीसदी से कम लोगों को गंभीर रूप से पीड़ित होने के कारण गहन चिकित्सा की जरूरत पड़ी। इनमें से 2.25 फीसदी आईसीयू में भर्ती हुए और 1.91 फीसदी लोगों को कृत्रिम ऑक्सीजन देना पड़ा। महज कुछ लोगों को वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया। इनमें से ज्यादातर मरीज महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
दिल्ली में आ सकता है 6.5 तीव्रता का भूकंप
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो महीने में 14 बार भूकंप आ चुका है। सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप 29 मई को 4.5 तीव्रता वाला था। एक्सपर्ट के अनुसार, बार-बार आ रहे इन झटकों से यह पता चल रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के फॉल्ट इस समय एक्टिव हैं। इन फॉल्ट में 6.5 तीव्रता की क्षमता वाला भूकंप आ सकता है, लेकिन इसके आने का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए ना तो कोई उपकरण है और न ही कोई मैकेनिज़म।

एनसीएस (नैशनल सेंटर ऑफ सिस्मेलॉजी) के रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के फॉल्ट में सन 1700 से अब तक 4 बार, 6 या इससे अधिक तीव्रता के भूकंप आए हैं। 27 अगस्त 1960 में 6 तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसका केंद्र फरीदाबाद था। वहीं 1803 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र मथुरा रहा था। अभी राजधानी की जो स्थिति है, उसमें 6.5 तीव्रता के भूकंप में भी काफी नुकसान पहुंच सकता है। एनसीएस के पूर्व हेड डॉ. एके शुक्ला के अनुसार, राजधानी को हिमालय बेल्ट से काफी खतरा है, जहां 8 तीव्रता वाले भूकंप आने की क्षमता भी है। यहां पिछले कई साल में बड़ा भूकंप नहीं आया है। अगर हिमालयी बेल्ट में बड़ा भूकंप आता है, तो राजधानी पर इसका काफी असर पड़ेगा। उनके अनुसार, छोटे-छोटे भूकंप आने से यह साफ है कि इस समय दिल्ली की यह लोकल फॉल्ट एक्टिव हैं। इसे वार्निंग की तरह लेना चाहिए और अपनी तैयारियों को पूरा करना चाहिए।
3 मेडिकल कॉलेज दो माह में नहीं खोल पाए लैब,AIIMS ने सैंपल लेने से किया इंकार
रायपुर। कोरोना वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ में अब मुश्किलें बढऩी शुरू हो गई है। संक्रमित मरीजों की संख्या 1000 का आंकड़ा पार कर चुकी है। रोजाना औसतन साढ़े चार हजार सैंपल लैबों में जांच के लिए भेजे रहे हैं। अब एम्स में स्थापित प्रदेश की सबसे बड़ी वायरोलॉजिकल लैब ने अब नए सैंपलों की जांच से हाथ खड़े कर दिए हैं। एम्स प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को साफ-साफ कह दिया है कि अगले 10 दिनों तक एक भी सैंपल न भेंजे। यही हाल दूसरी सरकारी लैबों का भी है।

समय पर नहीं आ रही रिपोर्ट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 3,987 नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा पेंडेंसी है। हालत ये है कि 23 मई को लिए गए सैंपल की रिपोर्ट 6 जून को आई है। यह मामला रायपुर का है। ऐसे में दूर-दराज के जिलों-कस्बों से आने वाले सैंपलों का अंदाज लगाया जा सकता है।
अस्पतालों के बेड भरने लगे, स्टेडियम में बना रहे अस्थायी अस्पताल
रायपुर। रायपुर एम्स और माना में कोविड.19 वार्ड में प्रत्येक में 100-100 मरीज से अधिक भर्ती हैं, तो बीती रात डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के कोविड.19 हॉस्पिटल के दरवाजे खोले गए। मगर, आने वाले दिनों में संक्रमण के खतरे को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग रायपुर के इंडोर स्टेडियम और सुभाष स्टेडियम को अस्थायी अस्पताल बनाने की तैयारी कर रहा है।

इंडोर स्टेडियम में काम शुरू भी हो चुका है। इंडोर स्टेडियम में 150 बिस्तरों की और सुभाष स्टेडियम में 70 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। सभी जिलों में कोविड19 हॉस्पिटल बनाने का काम जारी है।
पीलिया का बढ़ा प्रकोप, 41 मरीज अस्पताल में भर्ती, तीन की मौत
रायपुर। शहर में पीलिया का प्रकोप रोकने में जिला प्रशासन नाकाम नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 41 नए मरीज मिले हैें, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं अब तक तीन की मौत हो चुकी है। पीलिया को लेकर अभी तक 25 हजार 709 घरों की जांच की गई है।

675 लोग मिले हैं वायरस हेपेटाइटिस के मरीज
इसमें से तीन हजार 815 लोगों को रक्त परीक्षण किया गया है। इसमें से 675 लोग वायरस हेपेटाइटिस मरीज मिले हैं यानी सामान्य पीलिया कहा जाता है। इधर दो से आठ जून तक सात दिनों के भीतर 7915 मरीजों की जांच हुई।
इसमें मिले 41 मरीजों में 31 शहर के निजी अस्पतालों में भर्ती किए गए हैें, जबकि दो मरीज आयुर्वेदिक अस्पताल, सात मरीज डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में भर्ती हैं। 51 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।
फूटा नेटवर्क: नक्सलियों को सरकारी कारतूस की सप्लाई, थानेदार और हेडकांस्टेबल गिरफ्तार
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा में पुलिस ने नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क से जुड़े थानेदार आनंद जाटव और हेडकांस्टेबल सुभाष सिंह को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों आरोपी नक्सलियों को सरकारी कारतूस सप्लाई करते थे। दरअसल, पुलिस ने गुरुवार तड़के करीब 4 बजे मलकानिगरी चौक से चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें धमतरी निवासी मनोज शर्मा व गुंडरदेही निवासी हरीशंकर गेडाम भी शामिल हैं।

पुलिस ने इनके पास से 695 कारतूस बरामद किए थे। बताया जा रहा है कि कोतवाली में पदस्थ एएसआई आनंद जाटव के पास से ही पुलिस को कारतूस से भरा बैग भी मिला था। वह नक्सलियों की सप्लाई चेन में शामिल अन्य लोगों के संपर्क में था। पकड़े गए हेड कांस्टेबल व एएसआई ने दाे बार कारतूस बेचे जाने की बात कबूल की है। तीसरी बार वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हेडकांस्टेबल की ड्यूटी शस्त्रागार में लगी थी।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज से छग को कुछ नहीं, केवल जीएसटी व योजनाओं से मिले 2230 करोड़
रायपुर। केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से छत्तीसगढ़ के लोगों को सीधे कोई लाभ नहीं हुआ, लेकिन इस बीच जीएसटी और अन्य योजनाओं के जरिए मिले 2230 करोड़ रुपए ने कोरोना संकट के दौर में बड़ी भूमिका निभाई है। जीएसटी के अंतर्गत ही 1117 करोड़ मिले हैं। इस राशि से राज्य सरकार ने शहरों को कोरोना की रोकथाम के लिए जरूरी मदद दी है।

केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि में 432 करोड़, पीएम जन धन योजना में 393 करोड़, पेंशन की एनएसएपी योजना में 43 करोड़, ईपीएफ विड्राल में 17 करोड़, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड में 216 करोड़, 24 प्रतिशत ईपीएफ में 12 करोड़ दिए हैं। इसी तरह पहली किस्त के रूप में सेंट्रल टैक्स व ड्यूटी का वर्ष 2020-21 का 1574 करोड़ दिया गया है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, मास्क, पीपीई किट, टेबलेट, सरकारी व निजी लैब को भी मंजूरी दी गई है। इस बीच केंद्र सरकार ने जीएसटी का 36400 करोड़ रुपए जारी किया है।