कांकेर। पटवारी से नायब तहसीलदार बनने हेतु 2015 से विभागीय परीक्षा नहीं होने के कारण मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ता सुधीर लकरा पटवारी हल्का नंबर 29 सिंगार भाटा जिला उत्तर बस्तर कांकेर के द्वारा अधिवक्ता पराग कोटेचा के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका प्रस्तुत की गई है।

इस याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी के बेंच ने दिनांक 11/06/2020 को आदेश जारी कर शासन को जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है। याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि वर्ष 2015 में विभागीय परीक्षा आयोजित कर नियमानुसार 20% नायब तहसीलदार के पदों की भर्ती पटवारी/ आर.आई. से विभागीय परीक्षा के माध्यम से पदोन्नति द्वारा की गई है।

वहीँ नियमानुसार प्रतिवर्ष उक्त विभागीय परीक्षा का आयोजन किया जाना चाहिए, परंतु वर्ष 2015 के बाद से आज तक पटवारी से नायब तहसीलदार भर्ती हेतु कोई विभागीय परीक्षा का आयोजन शासन द्वारा नहीं किया गया। जबकि पीएससी के माध्यम से नायब तहसीलदार के रिक्त पदों की भर्ती प्रतिवर्ष की जा रही है,जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में अधिवक्ता पराग कोटेचा के माध्यम से अपनी याचिका प्रस्तुत की है ।

बता दें कि 2013 में भी कांकेर जिले के पटवारियों द्वारा ही पटवारी से नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति हेतु रिट पिटिशन माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में अधिवक्ता पराग कोटेचा के माध्यम से ही प्रस्तुत किया गया था, जिसके बाद 2015 में पटवारी से नायब तहसीलदार हेतु सीमित प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें बहुत से पटवारी परीक्षा के माध्यम से सीधे पटवारी से नायब तहसीलदार बने थे। परंतु 2015 के बाद से अब तक पदोन्नति हेतु विभागीय परीक्षा आयोजित नहीं की जा रही है।

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