नई दिल्ली। पूरी दुनिया कोरोना वासरस महामारी से जूझ रहा है। बात भारत की करें तो 4 लाख मामलों के साथ भारत दुनिया में चौथे नंबर पर आ गया है। इसी बीच देश के लिए अच्छी खबर ये है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के पार चला गया है। खास बात तो ये है कि विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत अब दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गया है। भारत से आगे चीन ( China ) और दूसरे नंबर पर जापान ( Japan ) है। बीते सप्ताह भारत ने रूस जैसे देश को पीछे छोड़ा था। आइए आपको भी बताते हैं कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते सप्ताह के मुकाबले कितना बढ़ा? वहीं भारत में विदेशी मुद्रा संपत्ति की क्या स्थिति है। साथ ही गोल्ड रिजर्व भारत के कितना हो गया है?

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड लेवल पर
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के पार गया।
- 5 जून को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.22 अरब डॉलर बढ़ा।
- कुल भंडार 501.70 अरब डॉलर का हुआ।
- 29 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.44 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी।
- तब कुल 493.48 अरब डॉलर का भंडार हो गया था।
- यह 5 जून को समाप्त हुए सप्ताह में 8.42 अरब डॉलर बढ़कर 463.63 अरब डॉलर पर पहुंची विदेशी मुद्रा संपत्ति।
- 5 जून को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 32.352 अरब डॉलर हुआ।
- भारत का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से विशेष निकासी अधिकार 1 करोड़ अमरीकी डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हुआ।
- आईएमएफ में भारत का रिजर्व पॉजिशन भी 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर हुआ।
इन कारणों से बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार
सवाल ये है कि आखिर देश के लॉकडाउन में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा कैसे? जब इस बारे में ऐनालिसिस किया गया तो समझ आया कि लॉकडाउन के बीच भारत का क्रूड ऑयल इंपोर्ट बिल, गोल्ड इंपोर्ट बिल , इडिबल इंपोर्ट बिल मई और जून के महीने में विदेशी निवेशकों का भारत में रुझान और सबसे अहम बीते 6 हफ्तों में रिलायंस की विदेशियों कंपनियों के साथ करीब एक लाख करोड़ रुपए की डील जैसे कारण रहे जिन्होंने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को सपोर्ट किया।
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