नेशनल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह कोरोना के मरीजों का उपचार कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन का भुगतान करने और उन्हें आवश्यक अलग रहने की जगह उपलब्ध कराने के लिए राज्यों को निर्देश दे। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने डा. आरूषि जैन की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन के भुगतान और उनके लिए आवश्यक क्वारंटाइन की व्यवस्था करने का आदेश दिया।

पीठ ने कहा कि कोरोना के मरीजों का इलाज और देखभाल कर रहे चिकित्सकों तथा स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारंटाइन में रहने की सुविधा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र को चार हफ्ते में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सैलरी व रहने की जगह के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने केंद्र को चेताया कि आदेशों का पालन नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाया जाएगा। पीठ एक प्राइवेट डॉक्टर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोना के खिलाफ जंग में पहली कतार के योद्धाओं को वेतन नहीं दिया जा रहा या फिर वेतन में कटौती की जा रही है अथवा इसके भुगतान में विलंब किया जा रहा है। यही नहीं, इस डॉक्टर ने 14 दिन के क्वारंटाइन की अनिवार्यता खत्म करने संबंधी केन्द्र के नए दिशानिर्देश पर भी सवाल उठाए थे।

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