टीआरपी डेस्क। ज्योतिष पक्ष के अनुसार रविवार को लगने वाला चूड़ामणि सूर्य ग्रहण खुशखबरी लेकर आ रहा है। इनके जीवन में बड़े बदलाव हो सकते हैं। आने वाली 21 जून, रविवार को सूर्य ग्रहण लग रहा है। इस खगोलीय घटना को लेकर सभी के मन में जिज्ञासा है। ज्‍योतिष गणना के अनुसार यह ग्रहण देश व दुनिया के लिए कई अर्थों में निर्णायक साबित हो सकता है।

सूर्य ग्रहण से 16 दिन पहले चंद्र ग्रहण था और 14 दिन बाद भी चंद्र ग्रहण लगेगा। 30 दिन के अंतर में तीन ग्रहणों का संयोग बहुत प्रभावी एवं फलदायक माना जा रहा है। सूर्य ग्रहण के बाद सृष्टि में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक तौर पर उथल-पुथल मच सकती है लेकिन यह ग्रहण कुछ शुभ परिणाम के संकेत भी दे रहा है।
ज्‍योतिषीय पक्ष के अनुसार इस सूर्य ग्रहण के बाद कुछ इस प्रकार के योग निर्मित होंगे, जिससे कोरोना संक्रमण में कमी आना शुरू होगी। इसके बाद अगस्‍त में संक्रमण के मामले और घटेंगे। फिर सितंबर तक यह समाप्‍त हो सकता है, ऐसी संभावना है।

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण जनवरी 2020 के बाद तेजी से फैलना शुरू हुआ था। इससे पहले 26 दिसंबर, 2019 को सूर्य ग्रहण लगा था। ज्‍योतिषीय गणना के अनुसार 2019 का ग्रहण बेहद नकारात्‍मक परिणाम देने वाला था, इसके चलते ही यह महामारी पनपी। ग्रहण से उपजा यह संकट ग्रहण से ही समाप्‍त हो सकता है। 21 जून के ग्रहण के एक पखवाड़े के भीतर कोरोना के संक्रमण में कमी आना शुरू हो सकती है।

देश व दुनिया पर होगा यह प्रभाव

यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में मिथुन राशि पर होगा। ज्‍योतिष गणना के अनुसार इसका प्रभाव एक प्रकार से मिला जुला रहेगा। आंधी, तूफान, भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका है। देशों के बीच युद्ध की भी स्थिति बन सकती है। हालांकि सभी को अभी संभलकर रहने की जरूरत है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव स्‍वरूप देश व दुनिया में पड़ोसी राष्‍ट्रों के आपसी तनाव, अप्रत्‍यक्ष युद्ध, महामारी, किसी बड़े नेता की हानि, राजनीतिक परिवर्तन, हिंसक घटनाओं में इजाफा, आर्थिक मंदी आदि पनपने के संकेत हैं। जहां तक भारत की बात है, विश्‍व में भारत का प्रभाव बढ़ेगा। इस महामारी से कई देशों को नुकसान होगा।