नई दिल्ली/रायपुर। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन-2020 के लिए फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जुलाई रखी गई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस साल सिंचित और असिंचित धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर (अरहर), मूंग और उड़द प्रमुख फसलें हैं. केंद्र सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे प्राकृतिक आपदाओं से खेती पर होने वाले जोखिम से बचने के लिए बीमा जरूर करवाएं। इसके लिए दो बीमा कंपनियों को काम दिया गया है, जो अलग-अलग जिलों में फसल का बीमा करने का काम करेंगी।

किन जोखिमों पर मिलता है भुगतान

कृषि मंत्रालय के मुताबिक योजना के तहत ओले पड़ना, जमीन धसना, जल भराव, बादल फटना और प्राकृतिक आग से नुकसान पर खेतवार नुकसान का आंकलन कर भुगतान किया जाता है। आपको बता दें कि प्राकृतिक आपदा में फसलों को नुकसान पहुंचने पर केंद्र सरकार ने किसानों को उसकी भरपाई के लिए फरवरी 2016 में अति महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ की शुरुआत की थी।

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बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी

यह कंपनी जसपुर, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, बिलासपुर, रायपुर, कबीरधाम और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में बीमा करेगी। शेष जिलों में एक अन्य कंपनी ये काम करेगी।

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