नेशनल डेस्क। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच ऑनलाइन फ्रॉड और डिजिटल जासूसी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार लगाकर बैंक तक लोगों को लगातार सतर्क रहने के लिए कहा है। ऑनलाइन फ्रॉड से कई बार आपको भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है। दरअसल, मोबाइल फोन या लैपटॉप कम्प्यूटर में पसर्नल डाटा और पेमेंट से लेकर कई तरह की अहम जानकारी उपलब्ध होती है। जिससे कई ऐप के सहारे आपका डेटाबेस चोरी हो जाता है।

जानिए क्या है डिजिटल जासूसी?

डेटा की डिजिटल जासूसी तीन तरह से होती है। इंटरनेट के माध्यम से पब्लिक डोमेन में मौजूद डेटा, लोगों के मोबाइल और कंप्यूटर से अलग-अलग ऐप से चुराया हुआ डेटा और तीसरा बड़ी कंपनियों के डेटाबेस को चोरी कर लेना। कई बार मोबाइल में मौजूद ऐप में, डेटा की पूरी जानकारी होती है और वह डेटा कई बार थर्ड पार्टी तक भी पहुंच जाता है।

डिजिटल जासूसी से ऐसे बचे


अनजानी मेल उससे जुड़ा कोई अटैचमेंट या लिंक ना खोलें. यूआरएल को सीधे तौर पर देखें कि वो ठीक है या नहीं. इनक्रिप्टेड मेल ही भेजें और लिखें। संदेहास्पद मेल को तुरंत ब्लॉक कर दें। कोई भी बिना काम के मेल को ओपन न करें। इसके अलावा मोबाइल पर किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले ऐप में गैरजरूरी एक्सेस डिसेबल करें, दो मेल आईडी रखें, बैंक कम्यूनिकेशन वाले आईडी को मोबाइल से कनेक्ट न करें।

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