टीआरपी डेस्क। दुनिया के कई देशों में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। अमेरिका और भारत की हालत तो बेहद ही खराब है। अमेरिका में जहां संक्रमण के मामले 69 लाख के पार हैं, तो वहीं भारत में भी संक्रमण 53 लाख के ऊपर हो गया है। वहीं अगर मरने वालों की संख्या देखें तो इस वायरस से मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा अमेरिका में ही है। वहां दो लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में तो यह आंकड़ा काफी कम है, लेकिन इसमें बढ़ोत्तरी जारी है। देश में मरने वालों की संख्या 85 हजार के पार पहुंच गई है। एक समय था जब जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों में संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे थे, लेकिन उन्होंने बिना वैक्सीन के ही इसपर रोक लगा दी और कोरोना के फैलने की रफ्तार को काफी धीमे कर दिया।

मास्क से हुआ सबकुछ संभव 

दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। इसे जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर ने काफी गंभीरता से लिया और बड़े पैमाने पर लोगों ने मास्क पहनने के नियम का पालन किया। इससे तेजी से फैलते संक्रमण पर काफी हद तक लगाम लगा। इन देशों में अभी भी लोग सतर्क हैं और मास्क पहनकर ही कहीं बाहर निकलते हैं। वहीं भारत में लोग कोरोना के प्रति गंभीरता नहीं बरतते हुए बिना मास्क के ही आराम से घूम-फिर रहे हैं, जिसका नतीजा ये हुआ है कि आज देश में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 

वैक्सीन की तरह ही काम करता है मास्क 

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पिछले दिनों एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया था कि कपड़े से बना मास्क अगर सभी लोग पूरी सतर्कता के साथ और सही तरीके से पहनें तो यह वैक्सीन की तरह ही काम करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सभी लोग मास्क का उपयोग करेंगे तो ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स काफी कम मात्रा में वातावरण में फैलेंगे या फिर फैलेंगे ही नहीं। इससे स्वस्थ लोगों के शरीर में वायरस के फैलने का संभावना काफी कम रहेगी या फिर अगर फैला भी तो कम मात्रा में वायरस के होने की वजह से व्यक्ति के शरीर में वायरस लोड कम होगा, जिससे गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं होगा। 

मास्क पहन कर ही रहें

चूंकि दुनिया में ऐसे भी कई कोरोना मरीज हैं, जो एसिम्प्टोमेटिक हैं यानी उनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते। वैसे मरीज आराम से बाहर घूम-फिर रहे हैं, क्योंकि उन्हें तो पता ही नहीं होता कि वो कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में मास्क न होने की वजह से वैसे मरीज दूसरे स्वस्थ लोगों को भी कोरोना वायरस से संक्रमित कर देते हैं। इसलिए बेहतर है कि मास्क पहन कर ही रहें। 

क्या एन-95 मास्क है सुरक्षित? 

दरअसल, एन-95 मास्क में वॉल्व होता है और विशेषज्ञों का कहना है कि वॉल्व वाले मास्क उपयोगकर्ता की रक्षा तो काफी हद तक कर सकते हैं, लेकिन वॉल्व होने के कारण इससे किसी दूसरे के शरीर में वायरस के प्रवेश का खतरा हो सकता है। इसलिए दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने ऐसे वॉल्व वाले मास्क को नहीं पहनने की सलाह दी है। 

कौन सा मास्क है सुरक्षित?

विशेषज्ञों का मानना है कि सूती कपड़े से बने मास्क संक्रमण से बचाव के लिए सबसे ज्यादा कारगर हैं। इसे आप घर पर भी बना सकते हैं या फिर बाजार से भी खरीद सकते हैं, लेकिन बाहर से कुछ भी खरीदते समय सावधानी जरूर बरतें, नहीं तो वायरस आपके घर भी आ सकता है।  

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।