बिजनेस डेस्क। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद वजह से देश में दवाइयां जल्द महंगी होने वाली हैं। दरअसल भारत बहुत बड़े पैमाने पर मेडिसिन का उत्पादन करता है। लेकिन इसके लिए जरूरी उत्पाद API (Active Pharmaceutical Ingredients) और KSM (Key Starting Materials) का आयात चीन से किया जाता है।

चीन ने स्टार्टिंग मटीरियल की कीमत 10-20 फीसदी बड़ाई

गौतलब है कि चीन ने की स्टार्टिंग मटीरियल की कीमत 10-20 फीसदी बढ़ा दी हैं। इसका सीधा असर भारत में दवाइयों की कीमतों पर पड़ सकता है। अगले एक से दो महीने के भीतर जब KSM की नई खेप आएगी तो उसकी कीमत ज्यादा हो सकती है, जिसके वजह से मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ जाएगा और जिसके कारण दवाइयों की कीमत भी बढ़ जायगी।

भारत जरूरत का 70-80 फीसदी चीन से आयात करता है

भारत API (Active Pharmaceutical Ingredients) का बड़े पैमाने पर आयात करता रहा है। API (Active Pharmaceutical Ingredients) को बेसिक फार्म इंग्रीडिएंट कहते हैं। इसकी मदद से दवा तैयार होती है। एपीआई की कीमत अब प्री-कोविड लेवल पर पहुंच चुकी है। भारत जरूरत का 70-80 फीसदी चीन से आयात करता है। KSM (Key Starting Materials) की मदद से भारतीय कंपनियां एंटीबॉडी मेडिसिन तैयार करती हैं। इसकी कीमत में तेजी के कारण दवा की कीमत में भी तेजी आएगी।

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