रायपुर। विश्व रेबीज दिवस ( World Rabies Day 2020 ) के मौके पर स्वास्थ्य विभाग छत्तीसगढ़ ने रेबीज ( Rabies ) से बचाव के लिए पालतू जानवरों के काटने पर घाव को तत्काल साबुन या एंटिसेप्टिक से 15 से 20 मिनट तक बहते पानी से धोने की सलाह दी है।

भारत में हर साल 20 हजार लोगों की मौत

एक रिपोर्ट के मुताबिक रेबीज से दुनिया भर में हर साल 55 हजार लोगों की जान जाती है। इनमें 40 प्रतिशत बच्चे होते हैं। भारत में रेबीज से प्रतिवर्ष करीब 20 हजार लोगों की मृत्यु होती है। रेबीज से बचाव, प्रबंधन और टीकाकरण के प्रति जागरूक करने के लिए पूरी दुनिया में 28 सितम्बर को हर वर्ष विश्व रैबीज दिवस ( World Rabies Day 2020 ) मनाया जाता है।

रेबीज ( Rabies ) क्या है?

रेबीज ( Rabies ) एक विषाणु जनित रोग है। अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 90% बच्चों की मृत्यु के साथ हर साल लगभग 59000 लोग रेबीज के कारण अपनी जान गवा देते हैं।

World Rabies Day 2020 Theme

हर साल विश्व रेबीज दिवस ( World Rabies Day 2020 ) के लिए अलग थीम रखी जाती है। विश्व रेबीज दिवस वर्ष 2020 का विषय “ अंतिम रेबीज: सहयोग करें, टीकाकरण करें” (End Rabies: Collaborate, Vaccinate) है।

इनके काटने पर होता है रेबीज

रेबीज ( Rabies ) के 97 प्रतिशत मामले संक्रमित कुत्ते के काटने के कारण होते हैं। मनुष्य के शरीर में रेबीज का वायरस रेबीज से पीड़ित जानवर के काटने, उससे होने वाले घाव, खरोच एवं लार से प्रवेश करता है। संक्रमित कुत्ते के अलावा यह बीमारी खरगोश, बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, सियार या अन्य जंगली जानवरों के काटने या नाखून मारने से भी हो सकता है। रेबीज जानलेवा बीमारी है। इसके बावजूद समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है।

क्या है रेबीज के लक्षण

रेबीज से ग्रसित मरीज के गले की नली चिपक जाती है जिसे हाइड्रोफोबिया कहा जाता है। मरीज को प्यास तो लगती है, लेकिन पानी नहीं पी सकता इसलिए वह पानी से दूर भागता है। रेबीज वाले मरीज को शुरू के एक-दो दिन में बुखार, भूख न लगना, कमजोरी, चिड़चिड़ापन आदि की समस्या होने लगती है।

रेबीज से बचने के उपाय

रेबीज से बचने के लिए घर के पालतू जानवरों कुत्ता, बिल्ली या अन्य पशुओं को जरूरी टीका लगवाएं। कुत्तों को तीन महीने की उम्र में टीका लगवाना चाहिए। टीके के प्रकार के अनुसार हर तीन वर्ष में इसकी एक अतिरिक्त डोज भी लगवानी चाहिए।

15 से 20 मिनट बहते पानी में धोए घाव

यदि कोई जानवर काट ले तो घाव को 15 से 20 मिनट तक साबुन, डिटॉल या अन्य एंटीसेप्टिक से बहते पानी में तुरंत धोना चाहिए। समय पर डॉक्टर के परामर्श के पूर्ण टीकाकरण कराएं। जानवरों के द्वारा चाटने, नाखून मारने या काटने के घाव को अनदेखा न करें।

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