टीआरपी डेस्क। कोरोना संकट ( Corona Pandemic ) के बीच किसी भी समय विश्व युद्ध (World War 3) का अलार्म बज सकता है। दरअसल दुनिया में 6 जगहों पर पड़ोसी देशों के बीच आपस में तनाव की स्थिति निर्मित हो चुकी है।

सबसे बड़ा जंग का मैदान तो रूस (Russia) के करीब बना हुआ है। जहां अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia-Azerbaijan War) जमीन के लिए खून की नदियां बह रही हैं। दोनों देशों के बीच मिसाइल, तोप, टैंक से युद्ध हो रहा है। मुस्लिम बहुल देश अजरबैजान ने तो अर्मेनिया पर ड्रोन अटैक भी शुरू कर दिया है। अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia-Azerbaijan) में जहां सीधी जंग हो रही है, वहीं दुनिया के कुछ अन्य देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

आर्मीनिया और अजरबैजान

आर्मीनिया और अजरबैजान (Armenia-Azerbaijan) के बीच विवादित क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर तनाव बरकरार हैं। नागर्नो-काराबख (Nagorno-Karabakh) इलाके को लेकर ये पूरा विवाद है, जो कि अभी अजरबैजान में पड़ता है, लेकिन अभी आर्मीनिया (Armenia) की सेना का यहां पर कब्जा है। करीब 4000 वर्ग किमी. का ये पूरा इलाका पहाड़ी है, जहां तनाव की स्थिति बनी रहती है। मौजूदा तनाव 2018 में शुरू हुआ था, जब दोनों सेना ने सीमा से सटे इलाके में अपनी सेनाओं को बढ़ा दिया था।

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इन दो देशों के बीच जारी युद्ध में अब रूस और तुर्की ( Russia-Turkey ) के कूदने का खतरा पैदा हो गया है। बता दें कि रूस जहां आर्मीनिया का समर्थन कर रहा है, वहीं अजरबैजान के साथ नाटो देश तुर्की और इजरायल हैं।

भारत और पाकिस्तान

दोनों ही राष्ट्रों के लिए कश्मीर (Kashmir) एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे संगठन पर बैन लगने और जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से धारा 370 हटी है तब से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। 3 सितंबर को हुए बैठक में पाकिस्तान ने भारत को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने की नाकाम चाल चली। जिसके बाद पाकिस्तान को यूएनएससी सदस्यों – यूएस, यूके, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम से फटकार पड़ी। इसके बाद भी पाकिस्तान ( Pakistan ) आए दिन ऐसी हरकत करता है कि भारत को इसका जवाब देना ही पड़ता है। पाकिस्तान को चीन का साथ भी मिला हुआ है। ऐसे में अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो तबाही होनी निश्चित है। क्योंकि दोनों ही देशों के पास परमाणु हथियार हैं। अग इस युद्ध में चीन पाकिस्तान का साथ देता है तो भी भारी नुकसान होना तय है।

तुर्की और ग्रीस

हाल में पूर्वी भूमध्यसागर में तनाव तेजी से बढ़ा है। नाटो सदस्य ग्रीस और तुर्की (Greece and Turkey Tension) के बीच ऊर्जा संसाधनों पर कब्जे को लेकर युद्ध जैसे हालात पैदा पैदा हो गए हैं। विवाद ग्रीक आइलैंड को लेकर है। जो तुर्की के तट से करीब दो किलोमीटर दूर पड़ता है। यह दोनों देशों के बीच चल रही हालिया तनातनी का एक अहम बिंदु बन गया है क्योंकि यह तुर्की के समुद्र तट के सबसे नजदीक मौजूद टापुओं में से एक है।

भारत और चीन

बीते करीब पांच माह से चीन से लगती भारतीय सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण (India China Tension) है। इसकी वजह है कि चीन का अड़ियल रवैया और उसकी विस्‍तारवादी नीति। इसी नीति के तहत वो पूर्वी लद्दाख पर कब्‍जा करने की कोशिश में लगा है। चीन की तरफ से कहा गया है कि भारत ने लद्दाख पर अवैध कब्‍जा किया हुआ है। चीन 1959 के प्रस्‍ताव के तहत भारतीय-चीन के बीच तय सीमा को लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (Line of actual control) मानता है। इसके अलावा चीन का ये भी कहना है कि वो पूर्वोत्‍तर राज्‍यों से लगती चीन की सीमा को तय करने के लिए बनाई गई मैकमोहन लाइन (McMahon Line) को नहीं मानता है। मैकमोहन लाइन को 1914 में तिब्‍बत शिमला में हुए समझौते के बाद अमल में लाया गया था। ये लाइन तिब्‍बत और भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों की सीमा को तय करती है। ऐसे में दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

चीन और ताइवान

ताइवान पर कब्जा करने की कोशिशों के बीच चीन ने भारी संख्या में सैनिकों और हथियारों व लड़ाकू विमानों की तैनाती भी कर दी है। ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे थे कि चीन कभी भी ताइवान ( China Taiwan War ) पर हमला कर सकता है। चीन के कई लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र के करीब उड़ान भरी थी। इसके अलावा अमरीकी अधिकारी के ताइवान दौरे पर भी चीन ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी और चीन के 18 लड़ाकू विमानों ने ताइवान हवाई क्षेत्र के करीब उड़ान भरकर अपने इरादे साफ कर दिए थे।

ईरान और इजरायल

साल 1979 में हुई ईरानी क्रांति की वजह से वहां कट्टरपंथी नेता सत्ता में आ गए। तब से ईरान कह रहा है कि इजरायल ने मुस्लिमों की जमीन पर कब्जा कर रखा है और वो उन्हें वहां से हटाना चाहता है। सीधी जंग की बजाए ईरान उन समूहों को समर्थन देता है जो इजरायल पर वार करें, जैसे हिज्बुल्ला और फलस्तीनी संगठन हमास। इधर इजरायल भी ईरान को उसकी परमाणु शक्ति के कारण खतरे की तरह देखता है। वो मानता है कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए वरना वो इजरायल पर इसका इस्तेमाल कर सकता है।

ईरान और इजरायल (Iran Israel Tension) के बीच चल रहे ये साइबर अटैक दुनिया का अगला युद्ध हो सकते हैं। इसी साल वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम ने अपनी ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट में कहा कि साइबर हमले अब दुनिया पर 10 सबसे बड़े खतरों में से एक हैं। सारे ही देशों ने अपने यहां हैकर्स की पूरी आर्मी तैनात कर रखी है।

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