नई दिल्ली। GST Council जीएसटी काउंसिल की 5 अक्टूबर को होने वाली बैठक में राज्यों को वित्तवर्ष 2017-18 के लिए बकाया आईजीएसटी रकम दिए जाने पर फैसला लिया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक काउंसिल में करीब 25 हजार करोड़ रुपए की बकाया रकम को राज्यों को दिए जाने पर मुहर लग सकती है।

इस मुद्दे पर बनी मंत्रियों के समूह में हुई चर्चा में फैसला लिया गया है कि ये रकम राज्यों को दे दी जाए। इसके बाद सोमवार को जीएसटी काउंसिल में मंत्रियों के समूह के फैसले पर चर्चा के बाद अंतिम मुहर लगेगी।

वहीं GST Council की बैठक में कंपंसेशन के मामले में भी चर्चा होगी। केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे में दिए गए प्रस्ताव पर राज्य अपने विचार पहले ही जाहिर कर चुके हैं। ज्यादातर राज्य इस बारे में सहमति दे चुके हैं कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के जरिए रकम उपलब्ध कराए और बाद में जीएसटी कंपंसेशन की अवधि को बढ़ाकर उस कर्ज को चुकाने का प्रबंध किया जाए। इस विकल्प के लिए हामी भरने में कांग्रेस शासित पुदुचेरी भी शामिल है।

हालांकि कुछ राज्य GST Council की बैठक में कंपंसेशन की अवधि को और बढाने का भी प्रस्ताव पेश करेंगे। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार से राज्य इस अवधि को बढ़ाकर 2030 तक करने पर चर्चा करेंगे। फिलहाल ये अवधि 2022 में खत्म होनी है।

कारोबारी गतिविधियां तेज

जैसे जैसे देश में अनलॉक के दौर चल रहे हैं उसी हिसाब से आर्थिक गतिविधियां भी जोर पकड़ने लगी हैं। सितंबर महीने में आर्थिक गतिविधियों के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 5.74 करोड़ ई-वे बिल जनरेट किए गए हैं। ये मार्च में हुए लॉकडाउन के ठीक पहले फरवरी महीने से ज्यादा हैं। फरवरी में 5.71 करोड़ ई-वे बिल जनरेट किए गए थे।

सितंबर में सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन

यही नहीं 30 सितंबर को अब तक एक दिन में रिकॉर्ड ई-वे बिल जनरेट किए गए हैं। इस दिन सबसे ज्यादा 26.19 लाख ईवे बिल जनरेट हुए हैं। इससे पहले एक दिन में सबसे ज्यादा 25.19 लाख ई-वे बिल 29 फरवरी 24.74 लाख ई-वे बिल 31 जनवरी को जनरेट हुए थे।

Chhattisgarhसेजुड़ीHindi News  केअपडेटलगातारहासिलकरनेकेलिएहमेंFacebookपर Like करें, Twitter पर Follow करेंऔरYoutubeपरहमें subscribe करें।एकहीक्लिकमेंपढ़ेंThe Rural Press कीसारीखबरें।