वाशिंगटन। बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill Gates Foundation) के CEO मार्क सुजमैन ने कहा कि COVID-19 टीकों का एक बहुत बड़ा हिस्सा भारत में निर्मित होने की संभावना है।

एक साक्षात्कार में सुज़मैन ने कहा कि भारत अपने संंसाधनों से वह सब कुछ कर रहा है जो महामारी से लड़ने के लिए कर सकता है । उन्होंने कहा कि “मुझे लगता है कि भारत के हाथ में जितने भी संसाधन हैं वे उनसे कोरना जंग में महत्वूर्ण योगदान दे रहा है।

सुजमैन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कोरोना वैक्सीन का बड़ा हिस्सा बनाने में भारत बेहद महत्वपूर्ण सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि वैक्सीन के समान वैश्विक वितरण की आवश्यकता है, इसलिए हम जो कुछ भी कर रहे हैं वह यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विकासशील और धनी देशों में समान मात्रा में इसके उपयोग को महत्व दिया जाए । उन्होंने कहा कि बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन COVID-19 का मुकाबला करने के लिए कई स्तरों पर काम कर रहे हैं।

इंट्रानैजल कोरोना वैक्सीन का आखिरी ट्रायल होगी शुरू

बता दें कि अगले साल तक भारत में कोरोना का टीका आने की उम्मीद जताई जा रही है। देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat BioTech) आने वाले महीनों में इंट्रानैजल कोरोना वैक्सीन का आखिरी ट्रायल शुरू करेंगे।

फिलहाल भारत में एक भी इंट्रानैजल(नासिका संबंधी टीका) कोरोना वैक्सीन का ट्रायल नहीं चल रहा है लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया या भारत बायोटेक के आने वाले महीनों में मंजूरी के बाद ऐसे टीकों के क्लीनिकल ट्रायल किए जाने की संभावना है।

इससे पहले भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी गई है। भारतीय दवा महानियंत्रक ([डीसीजीआइ)] ने कोरोना वायरस के खिलाफ रूस की वैक्सीन स्पुतनिक–5 के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी है।

हैदराबाद स्थिति दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ([डीआरएल)] ने र को यह जानकारी दी। डीआरएल और रूस के सरकारी फंड के बीच भारत में इस वैक्सीन के ट्रायल और वितरण को लेकर करार हुआ है।

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