टीआरपी डेस्क। देश में एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट, लखनऊ ( chaudhary charan singh airport ) से इसकी शुरूआत हो चुकी है। अडानी समूह लखनऊ के एयरपोर्ट को 2 नवंबर से संभालेगा।

यह निर्णय पहले ही लिया जा चुका था और 2 नवंबर से अब एयरपोर्ट की कमान अडानी समूह में शामिल हो जाएगा। 34 साल पुराना राजधानी लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ( chaudhary charan singh airport ) आज रात 12 बजे से अगले 50 सालों के लिए अडानी ग्रुप संभालेगा। इसमें यात्रियों की सुविधाओं के साथ कामर्शियल गतिविधियां भी शामिल हैं। एयर ट्रैफिक कंट्रोल पहले की तरह ATC और सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ( CISF ) पर होगा। 3 साल तक अडानी ग्रुप एयरपोर्ट प्रशासन के साथ काम करेगा। बता दें कि यहां से करीब 160 से अधिक विमानों का संचालन होता है। साल भर में 55 लाख यात्री सफर करते हैं।

1986 बनकर तैयार हुआ था लखनऊ एयरपोर्ट

लखनऊ एयरपोर्ट 1986 में बनकर तैयार हुआ जो अमौसी एयरपोर्ट के नाम से बना। 2008 में एयरपोर्ट का नाम चौधरी चरण सिंह ( chaudhary charan singh airport ) का नाम कर दिया गया। मई 2012 में लखनऊ एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। दो जून 2012 से नया थ्री टियर का करीब दो हजार यात्रियों की क्षमता वाला घरेलू टर्मिनल भी शुरू हो गया। ट्रैफिक को व्यवस्थाओं को लेकर बात करें तो हर साल लगभग 50 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 160 से अधिक हवाई जहाजों का संचालन होता है।

बढ़ेंगी सुविधाएं

जैसा कि लखनऊ एयरपोर्ट में निजी हाथों में जाने पर 1400 करोड़ के नए टर्मिनल बनेंगे, टर्मिनल नंबर 3 का निर्माण होना है। वही 8 एप्रन बनेंगे, फायर फाइटिंग सिस्टम को भी बढ़ाया जाएगा अपग्रेड किया जाएगा ।

रनवे का विस्तार जो कि अभी 2700 मीटर है उसे 3500 मीटर किया जाएगा। सुविधाओं में समानांतर टैक्सी वे बनाने की योजना है। एयरपोर्ट की जो जमीन बाहर है वहां पर मॉल होटल खोले जाएंगे और यह सभी सुविधाएं टर्मिनल बिल्डिंग के भी यात्रियो के लिए मुहैया होगी ।

पूर्व निदेशक ने संभाला कार्यभार

लखनऊ एयरपोर्ट के पूर्व निदेशक एससी होता अडानी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के CEO बनाए गए हैं। वहीं, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के 300 कर्मचारी लखनऊ एयरपोर्ट पर कार्यरत हैं। इनमें ऑपरेशन के अधिकांश कर्मचारी ATC व नेवीगेशन में लगे रहे हैं। जबकि कामर्शियल के कर्मचारी दो साल अडानी ग्रुप के साथ काम करेंगे।

6 कंपनियों ने लगाई थी बोली

लखनऊ एयरपोर्ट के लिए 6 कंपनियों ने बोली लगाई थी। प्रति यात्री शुल्क के आधार पर अडानी ग्रुप ने 171 और AMP कैपिटल ने 139 रुपए की बोली लगाई थी। यह अहमदाबाद के 177 रुपए प्रति यात्री के बाद किसी एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप की सबसे बड़ी बोली थी।

क्या होंगे बदलाव

  • अंतर्राष्ट्रीय चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट का नाम वही रहेगा लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की जगह अडानी ग्रुप का नाम लेकर जाएगा।
  • एयरपोर्ट का रंग रोगन अडानी ग्रुप अपने अनुसार करवाएगा।
  • अडानी ग्रुप PPP मॉडल के तहत एयरपोर्ट की व्यवस्था को लेकर अपना प्लान तैयार करेगा।
  • इसमें यात्रियों की सुविधाओं में क्या कमी है उसका बदलाव अगले 3 महीने में देखने में मिलेगा।
  • एयरपोर्ट के आउटसाइड दो कैंटीन खोले जाने की प्लान किया गया है, फिलहाल अभी इस पर कोई मंजूरी नहीं की गई है।
  • कैंटीन खोले जाने का प्लान इसलिए किया जा रहा है क्योंकि दूर से आने वाले यात्रियों के साथ आने वाले लोग प्रतीक्षा या उनको छोड़ने से इंतजार करने वालों के लिए होगा।

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