टीआरपी डेस्क। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार सुबह तेज गिरावट देखी गई। ऐसा माना जा रहा है कि यूरोप में कोरोना महामारी के फिर से फैलाव और उसके कारण कई देशों में लागू हुआ सख्त लॉकडाउन इसकी प्रमुख वजह है। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट की वजह से पहले ही गंभीर हो चुके तेल कारोबार के संकट पर नई मार पड़ी है।    

अक्टूबर में तेल की कीमतें पांच महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर

एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर में तेल की कीमतें पांच महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर रहीं। मार्च से विभिन्न देशों में लागू हुए लॉकडाउन के बाद अप्रैल में तेल की कीमत इतिहास के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई थी। मई से इसमें सुधार के संकेत दिखे थे। लेकिन अक्टूबर में संकट और गहरा गया। अक्टूबर के आखिरी कारोबारी दिन ये कीमत औसतन 35 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई।

फिलहाल सुधार की संभावना नहीं है

तेल कारोबार पर नजर रखने वाली वेबसाइट ऑयलप्राइस.कॉम के मुताबिक फिलहाल इस हाल में सुधार की संभावना नहीं है। इसलिए मुमकिन है कि तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक अभी जितना तेल उत्पादन कर रहा है, हो सकता है साल 2021 तक इसमें भी कटौती करनी पड़े।

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