टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ता जा रहा है। इसकी पूर्ति के लिए सरकार एक हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक पांच साल के लिए सावधि जमा की नीलामी कर यह कर्ज दिलाएगी।
अक्टूबर महीने में ही 1700 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है सरकार
छत्तीसगढ़ सरकार अक्टूबर महीने में ही 1700 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्योत्सव के भाषण में सड़कों के निर्माण के लिए भी 5500 करोड़ रुपये का कर्ज लिए जाने की योजना की जानकारी दी थी।
केंद्र सरकार से नहीं मिल रहा जीएसटी का पैसा
बिहार में चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार से हमें जीएसटी का पैसा ही नहीं मिल रहा है। हमें केंद्र सरकार से 45 हजार करोड़ से अधिक की राशि लेनी। लेकिन अभी तक महज 350 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं। ऐसे में हमें अपने काम जारी रखने के लिए हमें कर्ज लेना पड़ता है।
जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि हमारे हक की राशि
मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार कहती है कि राज्यों को कर्ज लेना चाहिए। जबकि जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि हमारे हक की राशि है। मुख्यमंत्री पहले भी कई बार कह चुके हैं, जनहित की योजनाओं के लिए कर्ज भी लेना पड़े तो लेंगे।
हर महीने 360 करोड़ का ब्याज
राज्य सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में बताया था, सरकार को विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से लिए गए कर्ज पर औसतन 360 करोड़ रुपए महीना का ब्याज चुकाना पड़ रहा है। सरकार पर 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है।
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