नई दिल्ली। (DRDO) डीआरडीओ ने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित (Pinaka Missile System) पिनाका गाइडेड रॉकेट लांच सिस्टम के अपग्रेड संस्करण का ओडिशा के समुद्री तट पर सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान परीक्षण के लिए तय किए गए सभी मानक सफलतापूर्वक हासिल किए गए।

बता दें कि गलवान घाटी में धोखेबाजी करने वाले चीन (China) को सबक सिखाने के लिए भारत हर स्तर पर तैयार है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती से लेकर हिंद महासागर में नौसेना के बेड़े को बढ़ाने तक, जल-थल और नभ में भारत ने जिस तरह अपनी शक्ति को स्थापित किया है। उससे पार पाना भी चीन के लिए बिल्कुल आसान नहीं होगा।

दरअसल पिनाका सिस्‍टम की एक बैटरी में छह लॉन्‍च वेहिकल होते हैं, साथ ही लोडर सिस्टम, रडार और लिंक विद नेटवर्क सिस्‍टम और एक कमांड पोस्‍ट होती है। पिनाका के सफल परीक्षण के साथ, भारत ने अब तक दो महीनों से भी कम समय में 11 मिसाइलों का परीक्षण कर लिया है।

इन मिसाइलों का परीक्षण ऐसे समय में किया जा रहा है जब पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच करीब पांच महीनों से भी ज्यादा समय से तनातनी जारी है।

सभी उड़ान लेखों को टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा ट्रैक किया गया था। पिनाका रॉकेट का ये अपग्रेडेड संस्करण मौजूदा पिनाका एमके- I रॉकेटों की जगह लेगा जो वर्तमान में उत्पादन में हैं।

भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ के नाम पर डेवलप किए गए इस मिसाइल सिस्‍टम को भारत और पाकिस्‍तान से लगी सीमाओं पर तैनात करने के मकसद से बनाया गया है।

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