रायपुर। छत्तीसगढ़ के भाटापारा जिले में ASI सत्येंद्र सिंह वर्मा को रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दसरल ASI ने खुद को ACB/EOW का अधिकारी बताकर पटवारी से 10 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी।

बता दें एएसआई सत्येंद सिंह वर्मा रिश्वत मांगने के आरोप में पहले से ही बर्खास्त है। भाटापारा पुलिस ने ये कार्रवाई की है।

इस मामले में बर्खास्त ASI सत्येंद्र सिंह वर्मा, खुद को पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट बताने वाले राकेथ तराटे और निलंबित एएसआई विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने अब तक 25 लाख रूपए से अधिक की ठगी की है।

बता दें वर्मा EOW का निलंबित कर्मचारी है। गंभीर शिकायतों के बाद उसे निलंबित किया गया था। वहीं सत्येंद्र सिंह पहले भी रिश्वत मांगने के आरोप में जेल जा चुका है। इस गिरोह से जुड़ा पुलिस विभाग का बर्खास्त कर्मचारी अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

EOW चीफ ने बताया कि चूंकि गिरोह में शामिल सत्येंद्र ईओडब्ल्यू में काम कर चुका है, इसलिए इनको पता होता था कि शिकायतें कैसे आती हैं। ये खुद भी शिकायत करते थे। उसी का हवाला देकर ब्लैकमेल किया जाता था। इनकी संपत्ति अटैच करने के लिए भी हम पत्र लिख रहे हैं।

गिरोह के निशाने पर परिवहन, माइनिंग, फारेस्ट सहित कई विभाग

ईओडब्ल्यू के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि इस गिरोह के निशाने पर परिवहन, माइनिंग, फारेस्ट सहित कई विभाग थे। जहां अधिकारियों से अवैध वसूली की गई है। चूंकि फिलहाल इस मामले में एक ही शिकायत दर्ज की गई है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। आरोपियों से पूछताछ में यह तथ्य सामने आएगा कि किन-किन लोगों से अवैध वसूली की गई।

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