ई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मौजूदा और पूर्व दागी सांसद-विधायकों के मामलों में अब सुनवाई तेज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सासंद-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों में तेजी ना लाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए हाई कोर्ट को इन सभी की सूची देने ​के निर्देश दिए हैं।

दरअसल दागी विधायकों और सांसदों के खिलाफ फास्‍ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाए जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि बहुत सारे विधायक और सांसद ऐसे हैं जिनपर चल रहे केस अभी पेंडिंग हैं, लेकिन इसके बावजूद वे जनता के लिए कानून बना रहे हैं।

सांसदों और विधायकों ​के खिलाफ कुल 4442

9 सितंबर को शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि वर्तमान और पूर्व सासंद-विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले संख्या में 4442 हैं। मौजूदा विधायकों में 2556 अभियुक्त हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता की ओर से दायर रिपोर्ट में कहा था कि सांसदों और विधायकों ( वर्तमान और पूर्व) के खिलाफ कुल 4442 मामले विभिन्न अदालतों में हैं जिनमें सांसद और विधायकों के लिए विशेष अदालतें शामिल हैं।

वर्तमान सांसदों के खिलाफ भी चल रहे हैं ​केस

2556 मामलों में वर्तमान आरोपी वर्तमान सांसद विधायक हैं। शामिल सासंद-विधायकों की संख्या कुल मामलों की संख्या से अधिक है क्योंकि एक मामले में एक से अधिक आरोपी हैं, और एक ही सासंद-विधायक एक से अधिक मामलों में आरोपी है।

रिपोर्ट के अनुसार संख्या में मामलों में, ट्रायल कोर्ट द्वारा गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किए गए थे और कई मामलों में, उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा निष्पादित किया जाना बाकी था।

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