टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार ने अब ऑनलाइन न्यूज पोर्टलों, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर, OTT प्लेटफॉर्म सभी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत शामिल कर लिया है। इसके लिए बकायदा सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।

ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर्स को लेकर लंबे समय से सरकार विचार कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान भी सरकार ने इस बात की वकालत की थी कि ऑनलाइन माध्यमों का नियमन टीवी से ज्यादा जरूरी है।

दरअसल देश में प्रिंट मीडिया के लिए प्रेस आयोग, न्यूज चैनलों के लिए ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और विज्ञापनों के लिए एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया है, जो उन पर निगरानी करती है, लेकिन ऑनलाइन कंटेंट, ऑनलाइन न्यूज पोर्टलों और OTT प्लेटफॉर्म के लिए ऐसी कोई व्यवस्था सरकार ने अभी तक नहीं की थी। जिस वजह से अब इसको सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत करने का फैसला लिया गया है।

सरकार ने रखा था पक्ष

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने OTT प्लेटफॉर्म्स पर स्वायत्त नियमन की मांग वाली याचिका को लेकर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी थी। शीर्ष अदालत ने इस संबंध में केंद्र सरकार, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और मोबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया को नोटिस भेजा था। इस याचिका में कहा गया था कि इन प्लेटफॉर्म्स के चलते फिल्ममेकर्स और आर्टिस्ट्स को सेंसर बोर्ड के डर और सर्टिफिकेशन के बिना अपना कंटेंट रिलीज करने का मौका मिल गया है। बता दें कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर न्यूज पोर्टल्स के साथ-साथ Hotstar, Netflix और Amazon Prime Video जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स भी आते हैं।

मंत्रालय ने अदालत को एक अन्य केस में बताया था कि डिजिटल मीडिया के नियमन की जरूरत है। मंत्रालय ने यह भी कहा था कोर्ट मीडिया में हेट स्पीच को देखते हुए गाइडलाइंस जारी करने से पहले एमिकस के तौर पर एक समिति की नियुक्ति कर सकता है।

OTT प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित कई फिल्मों, सीरीज आदि पर हो चुके हैं विवाद

पिछले साल सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिससे कि मीडिया की स्वतंत्रता पर कोई असर पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ फिल्म्स पर जिस तरह का नियमन है, उसी तरह का कुछ नियमन ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर भी होना चाहिए।

आपको बता दें कि OTT प्लेटफॉर्म्स, जैसे Hotstar, Netflix और Amazon Prime पर प्रसारित हुई कई फिल्मों, सीरीज आदि पर विवाद हो चुका है। साथ ही ये भी मांग की जा रही थी इस पर निगरानी और विवादित कंटेंट पर अंकुश लगाने के लिए सरकार कोई कदम उठाए। कुछ दिनों पहले केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा था कि जिस तरह टीवी, प्रिंट मीडिया आदि के लिए नियमन है, उसे तरह का नियमन OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए भी होना चाहिए।

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