नई दिल्ली। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) के निजीकरण के लिए सरकार को आखिरी दिन सोमवार को कई बोलियां मिली हैं। हालांकि, देश की इस दूसरी सबसे बड़ी ईंधन कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, सऊदी अरामको, बीपी और टोटल जैसी बड़ी तेल कंपनियों ने बोलियां नहीं लगाईं हैं।

निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्वीट कर कहा कि बीपीसीएल में सरकार की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी की खरीद में कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है।

उन्होंने कहा कि अब दूसरे चरण में इन बोलियों का आंकलन किया जाएगा। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ट्वीट किया कि बीपीसीएल का रणनीतिक निवेश जारी है। कई कंपनियों के रुचि दिखाने के बाद अब यह दूसरे दौर की प्रक्रिया में हैं। दोनों में किसी ने भी ना तो बोलियों की संख्या बताई और ना ही बोली लगाने वालों के नाम बताए हैं.

इसे लेकर बाजार की निगाहें मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पर थीं। ऐसी खबरें आ रही है कि आरआईएल बीपीसीएल में बोली लगा सकती है। वहीं ये भी चर्चा थी कि ब्रिटेन की बीपी, फ्रांस की टोटल और सउदी अरामको जैसी बड़ी कंपनियों के बोली लगाने की संभावना नहीं है।

बता दें कि सरकार भारत में दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और मार्केटिंग कंपनी बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है।

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