टीआरपी डेस्क।​ शनिवार भारतीय नौसेना के लिए अच्छी खबर लेकर आया। भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो ‘वरुणास्त्र’ ( torpedo varunastra ) मिल गया, वरुणास्त्र ( torpedo varunastra ) भारत का पहला भारी वजन वाला पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो है। यह टॉरपीडो भारत की समुद्री ताकत बढ़ाने में भारतीय नौसेना की काफी मदद करेगा।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग ​(​​​​​डीआरडीओ) ​के सचिव जी​.​ सतीश रेड्डी​ ने ​शनिवार को वरुणास्त्र को ​​हरी झंडी दिखाकर रवाना किया​​।​ ​​भारत डायनामिक्स लिमिटेड​ ​(​​​बीडीएल​)​​ की ​विशाखापत्तनम इकाई में आयोजित एक समारोह में ​उन्होंने अत्याधुनिक केंद्रीय भंडार स्थापित करने की आधारशिला ​भी ​रखी।​

पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो वरुणास्त्र ( torpedo varunastra ) का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) ने किया है।

भारत डायनामिक्स लिमिटेड​ ​(​​​बीडीएल​)​​ अपने विभिन्न मिसाइल कार्यक्रमों के लिए ​​​डीआरडीओ के साथ मिलकर काम करता है​​।​ यह एजेंसी क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (​क्यूआरएसएएम) का विकास और उत्पादन करती है और हाल ही में इसने अपने कई मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किए है।

भारतीय नौसेना के लिए 73 वरुणास्त्र टॉरपीडो ( torpedo varunastra ) का ​निर्माण किया जाना है। वरुणास्त्र टॉरपीडो को औपचारिक रूप से 26 जून​,​ 2016 को ​तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ​ने नौसेना में शामिल किया था।

रक्षा मंत्रालय की उत्पादन एजेंसी होने के नाते भारत डायनामिक्स लिमिटेड अपनी विशाखापत्तनम इकाई में भारतीय नौसेना के लिए पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो वरुणास्त्र ( torpedo varunastra ) का निर्माण कर रही है।

सतीश रेड्डी ने वरुणास्त्र ( torpedo varunastra ) के निर्माण के लिए सभी हितधारकों, विशेष रूप से डिजाइन एजेंसी (एनएसटीएल) और उत्पादन एजेंसी (​​​बीडीएल​)​​ के बीच तालमेल की सराहना की है।

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