टीआरपी डेस्क। एक ओर जहां अमेरिकी कंपनी फाइजर फार्मास्यूटिकल ने कोरोना वैक्सीन की दवा के वायरस पर असरदार होने का दावा किया है। तो वहीं कंपनी के पूर्व उपाध्यक्ष और मुख्य वैज्ञानिक ने दावा किया है कि महामारी प्रभावी ढंग से खत्म हो गई है।

इतना ही नहीं उन्होंने कोविड-19 के लिए किसी भी तरह के वैक्सीन के इस्तेमाल को सिरे से खारिज कर दिया है। हाल ही में डॉ माइकल येडोन ने अपने एक लेख में बताया कि महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन की बिल्कुल जरूरत नहीं है।

30 सालों से ज्यादा समय तक एलर्जी और श्वसन पर किया शोध

बता दें कि डॉ. माइकल ने 30 सालों से ज्यादा समय तक नई (एलर्जी और श्वसन) दवाइयों पर शोध किया है। उन्होंने लेख में आगे लिखा कि ‘मैंने कभी वैक्सीन को लेकर इस तरह की तुच्छ बातें नहीं सुनी हैं।’

लाइफसाइट न्यूज डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. माइकल येडोन का कहना है कि महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। मैंने वैक्सीन को लेकर ऐसी बकवास कभी नहीं सुनी है।

उन्होंने कहा कि आप उन लोगों को वैक्सीन नहीं दे सकते, जिन पर बीमारी का कोई खतरा नहीं है। वहीं आपने उस योजना के बारे में भी विस्तार से नहीं बताया है, जिसके तहत आप लाखों स्वस्थ और फिट लोगों पर ऐसी वैक्सीन को लगाएंगे, जिसका मानव पर बड़े पैमाने पर परीक्षण नहीं किया गया है।

दो मूलभूत त्रुटियों को किया है उजागर

ब्रिटेन के साइंटिफिक एडवाइजर ग्रुप ऑफ इमरजेंसी (SAGE) की नीतियों की व्यापक आलोचना के बाद यह टिप्पणी की गई है। येडोन ने अपने लेख में दो मूलभूत त्रुटियों को उजागर किया है, जो साइंटिफिक एडवाइजर ग्रुप ऑफ इमरजेंसी ने अपने पूर्वनिर्धारणों में की है। 

लाइफ साइट न्यूज डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, एसएजीई ने ब्रिटेन में सार्वजनिक लॉकडाउन नीतियों के निर्धारण में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। येडोन ने एसएजीई द्वारा छोटी-छोटी कई गलतियों को भी उजागर किया है, जिसके कारण पिछले सात सालों से जनता परेशान हुई है।

उन्होंने कहा, “एसएजीई का कहना है कि सभी लोग अतिसंवेदनशील थे और सिर्फ सात संक्रमित हुए हैं। मुझे लगता है कि यह सचमुच अविश्वसनीय है। उन्होंने श्वसन वायरस के खिलाफ इम्यूनोलोजिकल मेमोरी के क्षेत्र में सभी मिसाल को नजरअंदाज कर दिया है।”

येडोन ने आगे कहा, “उन्होंने या तो कई विश्व-अग्रणी क्लिनिकल इम्यूनोलॉजिस्टों से उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले काम को देखा नहीं या फिर उसकी अवहेलना की है, जो दिखाती है कि लगभग 30 प्रतिशत आबादी में पूर्व प्रतिरक्षा थी।” पिछले शुक्रवार को फाइजर ने घोषणा की थी कि वह अपने कोविड -19 वैक्सीन के लिए अमेरिकी नियामकों से आपातकालीन स्वीकृति की मांग कर रहा है।

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