रायपुर। Kisan Parliament अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की किसान संसद में केंद्र के कृषि बिल का पुरजोर विरोध करने का संकल्प पारित किया गया। किसान विरोधी कानून के खिलाफ दिल्ली कूच के आव्हान के समर्थन में रायपुर में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ द्वारा किसान संसद का आयोजन किया गया था। 

संसद में काले कानून की वापसी की मांग को लेकर हो रहे किसान आंदोलन को कुचलने के लिये मोदी सरकार के दमन के खिलाफ सभी किसान नेताओं ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और इस दमन के खिलाफ पुरजोर विरोध करने का संकल्प लिया गया। 

पूर्व विधायक एवं जिला किसान संघ बालोद के संरक्षक जनकलाल ठाकुर की अगुवाई में किसान संसद में पारित प्रस्तावों को ज्ञापन के रूप में राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम से शासन के प्रतिनिधि तहसीलदार को सौंपा गया। 

किसान संसद में डॉ संकेत ठाकुर, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के तेजराम विद्रोही और महासमुंद जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर,महेश साहू, पूर्व विधायक वीरेंद्र पांडे, राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति सदस्य पारसनाथ साहू,अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग समाज गिरधर मढ़रिया, छत्तीसगढ़ी समाज के अध्यक्ष मनहरण टिकरिहा,तामेश्वर साहू, छत्तीसगढ़ राज्य अभिकर्ता एवम निवेशक कल्याण संघ के लक्ष्मी नारायण चन्द्राकर,नई राजधानी किसान कल्याण संघर्ष समिति के रूपन चन्द्राकर, आदिवासी भारत महासभा के सौरा यादव, एक मानव समाज के सुबोध देव, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा दल्ली राजहरा के नवाब गिलानी, जिला किसान संघ बालोद के गेंदूसिंह ठाकुर, किसान मजदूर संघर्ष समिति बसना के लोकनाथ नायक, किसान भुगतान संघर्ष समिति बागबाहरा के गोविंद चन्द्राकर, किसान जन जागरण समूह सराईपाली के सुशील भोई, शिवनाथ किनारे किसान समिति दुर्ग के शिव कुमार निषाद सहित बड़ी संख्या में अनेक संगठन के नेता मौजूद रहे।

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