रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व आईएएस बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ED ने 27.86 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने इस संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है।

मनी लॉड्रिंग और भ्रष्टाचार का है आरोप

बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ आपराधिक कदाचार और धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है। पूर्व अधिकारी ने 13 फर्जी कंपनियां भी खोलकर पैसे के वारे-न्यारे किये। इस बार जो 27 करोड़ से ज्यादा की संप्ति अटैच की गयी है। उनमें 26 करोड़ 16 लाख रुपये प्लांट और मशीनरी, 20 लाख से ज्यादा रूपये 291 बैंक खाते के हैं सहित अन्य अलग-अलग एकांउट और जमीन को जब्त किया गया है।

छत्तीसगढ़ में एन्टी करप्शन ब्यूरो द्वारा बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। एफआईआर के आधार पर ईडी ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की थी, जिसमें बाबूलाल अग्रवाल और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा अर्जित की गई अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा किया गया

बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ 3 और एफआईआर दर्ज

आयकर विभाग द्वारा फरवरी 2010 में बाबूलाल अग्रवाल के परिसर में उनके सीए सुनील अग्रवाल और उनके परिवार के सदस्यों पर छापेमार कार्रवाई की थी। जिसके बाद ही सीबीआई द्वारा आरोप पत्र के बाद बाबूलाल अग्रवाल के खिलाफ 3 और एफआईआर दर्ज की ग थी।

पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि बाबू लाल अग्रवाल ने अपने सीए सुनील अग्रवाल और उनके भाई अशोक अग्रवाल और पवन अग्रवाल के साथ मिलकर खरोरा और इसके आस-पास के गांवों के भोले भाले ग्रामीणों के नाम पर 400 से अधिक बैंक खाते खोले। इन खातों और कई अन्य खातों में नकदी जमा की गई थी।

इन्होंने कई शेल कंपनियों के माध्यम से अवैध कमाई को खपाया था। बाबूलाल अग्रवाल के परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली और प्रबंधित कंपनी मैसर्स प्राइम इस्पात लिमिटेड (PIL) का इस्तेमाल भ्रष्ट साधनों से एकत्रित नगदी के प्लेसमेंट और लेयरिंग में किया गया था। आरोपी पूर्व आईएएस अधिकारी बाबूलाल अग्रवाल को ED ने 09.11.2020 को गिरफ्तार किया था और वह 05.12.2020 तक न्यायिक हिरासत में है।

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