टीआरपी डेस्क। देश में कोरोना की वैक्सीन पर एक्सपर्ट पैनल ने अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को दे दी है। पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को सशर्त मंजूरी देने की सिफारिश की है। इसी के साथ ही अब इन्हें जल्द अप्रूवल मिलने की उम्मीद है।

तीन कंपनियों ने अप्रूवल मांगा है

अब तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), भारत बायोटेक और फाइजर ने इमरजेंसी यूज की मंजूरी मांगी है। सीरम इंस्टीट्यूट कोवीशील्ड नाम की वैक्सीन बना रहा है। इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने डेवलप किया है। कोवैक्सिन बनाने वाली भारत बायोटेक ने बुधवार को पैनल के सामने प्रजेंटेशन दिया था। वहीं, अमेरिकी कंपनी फाइजर ने अपना डेटा पेश करने के लिए और वक्त मांगा है।

कल से पूरे देश में वैक्सीन का ड्राई रन

एक्सपर्ट पैनल से मंजूरी मिलने के बाद कंपनियों की एप्लीकेशन ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास फाइनल अप्रूवल के लिए जाएगी। सरकार इस माह से वैक्सीनेशन शुरू की तैयारी में है। इसके लिए कल यानी 2 जनवरी को पूरे देश में वैक्सीन का ड्राई रन किया जाना है।

कोवीशील्ड सबसे सस्ती वैक्सीन

सस्ती होने की वजह से ऑक्सफोर्ड वैक्सीन सरकार की सबसे बड़ी उम्मीद है। कंपनी का कहना है कि वह पहले अपने घरेलू बाजार पर फोकस करेगी। इसके बाद इसे दक्षिण एशियाई देशों और अफ्रीका को एक्सपोर्ट किया जाएगा।

वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के CEO अदार पूनावाला ने सोमवार को बताया था कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लगभग पांच करोड़ पहले ही तैयार हो चुके हैं। अगले साल मार्च तक 10 करोड़ और जून तक 30 करोड़ तक डोज बनाने की योजना है।

इन देशों ने दी इमरजेंसी यूज की मंजूरी

  • अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज का अप्रूवल मिल चुका है।
  • ब्रिटेन ने फाइजर और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मंजूरी दी है। यहां वैक्सीनेशन चल रहा है।
  • चीन ने हाल में स्वदेशी कंपनी सिनोफार्म की वैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी है।
  • रूस में भी स्वदेशी वैक्सीन स्पूतनिक V के जरिए मास वैक्सीनेशन शुरू किया जा चुका है।
  • कनाडा ने फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दी है।
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