टीआरपी डेस्क। गुजरात के राजकोट में बैंकिंग फर्जीवाड़े से जुड़ा एक अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल यहां के एक प्राइवेट बैंक की ब्रांच में एक खाताधारक रजाई गद्दा लेकर धरने पर ही बैठ गया।

बैंक में धरने पर बैठे खाता धारक का आरोप है कि उसके बैंक एकाउंट से किसी ने 1 लाख 62 हजार रुपए की निकासी की हैं। मामला तूल पकड़ता देख बैंक ने खाताधारक के सारे पैसे 24 घंटे के भीतर ही वापस कर दिए।

भारत में डिजिटल लेन-देन के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं। कई बार आपने ऐसी भी कहानियां पढ़ी होंगी, जिसमें अकाउंट से कोई लेन-देन किए बगैर ही खाते से पैसे निकाल लिए गए हो। पिछले कुछ दिनों में इस तरह के बढ़ते अपराधों ने बैंकिंग सेक्टर की नींद भी उड़ रही है।

गुजरात के राजकोट में बैंकिंग फर्जीवाड़े से जुड़ा एक अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल यहां के एक प्राइवेट बैंक की ब्रांच में एक खाताधारक को रजाई गद्दा लेकर धरने पर बैठने पड़ा। बैंक में धरने पर बैठे खाता धारक ने आरोप लगाया कि उसके बैंक एकाउंट से किसी ने 1 लाख 62 हजार रुपए की निकासी की हैं। जबकि उसने किसी तरह का कोई लेन-देन किया ही नहीं। इस धरने के बाद बैंक में अफरा-तफरी मच गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजकोट के जिला पंचायत चौक इलाके में यस बैंक की ब्रांच है। इसी ब्रांच में विका भाई दोषी का एक बैंक अकाउंट है। बैंक ने हाल ही में दोषी से सीएस सर्टिफिकेट मांगा था। उन्होंने वह बैंक को जमा करा दिया। लेकिन इसके बावजूद उनके अकाउंट से 1 लाख 62 हजार रुपये काट लिए गए। इसके बाद 10 दिन तक वह अपनी बात रखते रहे, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।

आखिर में विका भाई दोषी ने बैंक में धरना शुरू कर दिया। इस मामले को तूल पकड़ता देख हुए बैंक ने खाताधारक के पैसे भी 24 घंटे के भीतर ही वापस कर दिए। लेकिन, खाता धारक इसके बावजूद भी नहीं माना। खाताधारक का कहना है कि उसे बैंक से लिखित में माफीनामा चाहिए। इसके बाद ही वह अपना धरना खत्म करेगा।

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