नेशनल डेस्क। भारत में हर साल National Road safety week मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 से 20 जनवरी तक मनाया जाएगा।

इस साल National Road safety week का थीम “Bringing Change through Youth” है । बता दें देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में कई लाख लोग की जान चली जाती हैं और कई लोग अपंग हो जाते हैं।

सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का रिपोर्ट देखें तो लगभग सड़क दुर्घटनाओं में 78.7 प्रतिशत चालकों की गलती से होती हैं। इस गलती के पीछे शराब इस्‍तेमाल, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, वाहनों में जरुरत से अधिक भीड़ होना, तेजी से गाड़ी चलाना और थकान आदि होना है।

Importance of National Road Safety Week

भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों को राष्ट्रीय सड़कों की सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान का आयोजन आईएसएस भारत, एचएसई ( स्वास्थ्य, सुरक्षा और वातावरण ) द्वारा की गई पहल है।

आईएसएस भारत ने देश में जनवरी के पहले हफ्ते में पूरे सप्ताह के दौरान सड़क सुरक्षा सप्ताह को मनाने की घोषणा की गई थी। इस अभियान का आयोजन करने का लक्ष्य सड़क सुरक्षा के लिए सिर्फ साधारण नियमों का पालन करने के द्वारा सुरक्षित सड़क यात्रा पर जोर देना था।

Objective of National Road Safety Week

  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा आम जनता को यातायात के नियमों की आधारभूत जानकारी दी जाती है।
  • सड़क सुरक्षा अभियान को मनाने का उद्देश्य समुदाय, स्कूल, कॉलेज, कार्यशालाओं, सड़कों आदि पर लोगों के बीच में सड़क सुरक्षा के साधनों को बढ़ावा देना है।
  • सड़क सुरक्षा साधनों का प्रयोग करने के द्वारा सड़क दुर्घटनाओं, सड़क दुर्घटना में मृत्युओं और चोटों को कम करने और पूरी तरह से हटाने के लिए।
  • सभी यात्रियों को यातायात के नियमों का पालन करने और ड्राइविंग के दौरान हेलमेट या सीट बेल्ट लगाने के लिए बढ़ावा देना।
  • उन सुरक्षा के नए साधनों को लागू करने के लिए, जो सड़क दुर्घटनाओं के खतरे, मृत्यु या चोट लगने को कम करने के लिए साबित हो चुके हैं।
  • सड़क दुर्घटनाओं को बचाने के लिए लोगों को वाहनों की गति सीमा के बारे में जागरुक करने के लिए।
  • लोगों को जागरुक करने के लिए कि थके होने पर या नशे में होने पर वाहन नहीं चलाए और वाहन चलाते समय फोन या रेडियो का प्रयोग नहीं करें।

Traffic rules in India

वन वे –

जब आप किसी एक दिशा में गाड़ी चला रहे होते है तो ध्यान रखें की आप सही दिशा मे ही गाड़ी चलाएं। गलत दिशा में गाड़ी चलाने से एक्सीडेंट होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए वन वे पर सावधानी पूर्वक गाड़ी चलायें।

ओवेरटेक ना करे –

जल्दी पहुँचने की चाह में हम कई बार गाड़ी ओवेरटेक करने की कोशिश करते हैं जो की काफ़ी ख़तरनाक होता है। किसी बड़ी गाड़ी को ओवेरटेक करने से पहेले भली भांति जांच ले कि आपके ओवेरटेक करने से आपको ओर दूसरे चालकों को परेशानी ना हो। ओवेरटेक करने से एक्सीडेंट होने के ज़्यादा आशंका रहती है।

लगातार हॉर्न न बजाएं –

जब आप अत्याधिक हॉर्न का प्रयोग करते है तो आगे वाला वाहन चालक दबाव मे आता है और उसका Mind disturbing हो जाता है। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है।

यू टर्न –

यू टर्न लेना बहुत ज़्यादा रिस्की होता है। बीच सड़क में अगर आप यू टर्न लेते हैं तो ख़तरा कई गुना बाढ़ जाता है। यू टर्न लेने के लिए ज़रूरी है की पहेले आप सड़क के किनारे अपना वाहन रोके ओर अपने पीछे का ट्रॅफिक देखे, जब ट्रैफिक साफ हो तो यू टर्न लें।

स्पीड लिमिट –

जगह जगह आपने देखा होगा की बोर्ड में लिखा होता है स्पीड लिमिट। स्पीड लिमिट जगह देखकर तय की जाती है। अगर स्पीड लिमिट 45 km/hr है तो वहां आप गाड़ी की स्पीड 45 से उपर ना रखें।

हैण्ड सिग्नल और इंडिकेटर –

रोड बदने के समय हांथ से इशारा देना या इंडिकेटर देना सही होता है। अगर आप दाहिने (Right) दिशा में जा रहे हैं तो दाहिना (right) इंडिकेटर या दाहिने हांथ (right hand) का प्रयोग करें ओर अगर लेफ्ट साइड मे जा रहे है तो लेफ्ट इंडिकेटर या लेफ्ट हांथ का इस्तेमाल करें।

वाहन को पार्किंग एरिया मे ही पार्क करें –

वाहन को पार्क करते समय जाँच ले की आप उसे पार्किंग एरिया मे पार्क कर रहे हैं या नही। वाहन को सही जगह पार्क करें और इस तरह से पार्क करें की वहां दूसरों को परेशानी ना हो।

ट्रैफिक साइन नियम

हर ट्रैफिक साइन का कोई ख़ास मतलब होता है इसलिए नीचे दिये गये इन ट्रैफिक संकेतों को अच्छी तरह से पढ़ें और जानिए कि किस ट्रै्फिक साइन का क्या मतलब होता है-

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