टीआरपी डेस्क। हर साल की तरह इस साल भी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रिय युवा दिवस ( national youth day 2021 ) मनाया जाएगा। युवाओं को उत्साह दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद के कई ऐसे विचार है जिसे आज भी युवा अपने जीवन में लागू करते हैं।

National Youth Day का महत्व
स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय युवा दिवस मानाने का उद्देश्य देशभर के युवाओं में सकारात्मक सोच को उजागर करना है।
पहली बार कब मनाया गया था राष्ट्रीय युवा दिवस
बता दें भारत सरकार ने 1984 में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मानाने की घोषणा की थी। जिसके बाद 1985 से पूरे देश में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जा रहा हैं।
युवा दिवस पर आयोजन
राष्ट्रीय युवा दिवस पर विभिन्न जगहों पर कई तरह के प्रोग्राम, नुक्कड़ नाटक, सभाएं, स्कूलों-कॉलेजों में भाषण, स्पीच आदि की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
युवा दिवस पर कथन / Qoutes by Swami Vivekanand
राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद द्वारा कहे गये कथन :
- “उच्चतम आदर्श को चुनो और उस तक अपना जीवन जीयो। सागर की तरफ देखों न कि लहरों की तरफ।”- स्वामी विवेकानंद
- “कुछ सच्चे, ईमानदार और ऊर्जावान पुरुष और महिलाएं एक वर्ष में एक सदी की भीड़ से अधिक कार्य कर सकते हैं।” – स्वामी विवेकानंद
- “धर्म आदमी में पहले से ही देवत्व की अभिव्यक्ति है।” – स्वामी विवेकानंद
- “धन पाने के लिये कड़ा संघर्ष करों पर उससे लगाव मत करो।”– स्वामी विवेकानंद
- “जो गरीबों में, कमजोरों में और बिमारियों में शिव को देखता हैं, वो सच में शिव की पूजा करता हैं।”– स्वामी विवेकानंद
- “प्रत्येक आत्मा संभावित परमात्मा है।”– स्वामी विवेकानंद
- “दिन में एकबार खुद से बात अवश्य करों……नहीं तो आप संसार के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति से मिलने से चूक जाओंगे।”– स्वामी विवेकानंद
- “मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, आधुनिक पीढी से मेरे कार्यकर्ता आ जायेगें।”– स्वामी विवेकानंद
- “काम, काम, काम – बस यही आपके जीवन का उद्देश्य होना चाहिये।”– स्वामी विवेकानंद
- “पृथ्वी का आनंद नायकों द्वारा लिया जाता हैं – ये अमोघ सत्य हैं। एक नायक बनो और सदैव कहो “मुझे कोई डर नहीं है।””– स्वामी विवेकानंद
- “महसूस करो कि तुम महान हो और तुम महान बन जाओगें।”– स्वामी विवेकानंद
- “मेरी भविष्य की आशाएँ युवाओं के चरित्र, बुद्धिमत्ता, दूसरों की सेवा के लिए सभी का त्याग और आज्ञाकारिता– खुद को और बड़े पैमाने पर देश के लिए अच्छा करने वालों पर निर्भर है।”– स्वामी विवेकानंद
- “मृत्यु तो निश्चित हैं, एक अच्छे काम के लिये मरना सबसे बेहतर हैं।”– स्वामी विवेकानंद
- “हमारे देश को नायकों की जरुरत हैं, नायक बनों, तुम्हारा कर्तव्य हैं काम करते जाओ और फिर सभी तुम्हारा खुद अनुसरण करेंगे।”– स्वामी विवेकानंद
- “उठो, जागों और जब तक मत रुकों तब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हों।”– स्वामी विवेकानंद
- “आप भगवान में जब तक विश्वास नहीं कर सकते जब तक कि आप खुद में विश्वास नहीं करते।”– स्वामी विवेकानंद
- “जब एक विचार यदि मन में आये तो ये वास्तविक शारीरिक या मानसिक स्थिति में तब्दील हो जाता है।”– स्वामी विवेकानंद
- “युवाओं के बीच काम करना सबसे अच्छा हैं जिनमें तुम्हारी आशाएँ रहती हैं – धैर्य, व्यवस्थित रुप से और बिना शोर के।”– स्वामी विवेकानंद
- “एक बच्चा इंसान का पिता होता हैं” “एक बूढ़े आदमी के लिये ये कहना कहा तक उचित हैं कि बचपन पाप हैं या युवा अवस्था पाप है।”– स्वामी विवेकानंद
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