नई दिल्ली। Supreme Court सुप्रीम कोर्ट नए कृषि कानूनों Agricultural Law और दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान प्रदर्शनों संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत गतिरोध को समाप्त करने के लिए बनाई गई समिति के एक सदस्य के स्वयं को अलग कर लेने के मामले पर भी गौर कर सकती है।

वहीं अदालत दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।

इससे पहले प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अगुवाई में न्यायालय की एक पीठ ने एक अंतरिम आदेश में अगले आदेश तक नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी और शिकायतों को सुनने तथा गतिरोध के समाधान पर अनुशंसा करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था।

समिति की बैठक 19 जनवरी को 

इस बीच नए कृषि कानूनों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के यहां पूसा परिसर में 19 जनवरी को अपनी पहली बैठक करने का कार्यक्रम है। समिति के सदस्यों में शामिल अनिल घनवट ने रविवार को यह जानकारी दी।

शीर्ष न्यायालय ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर 11 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। साथ ही, न्यायालय ने गतिरोध का हल निकालने के लिए चार सदस्यीय एक समिति भी नियुक्त की थी। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान पिछले हफ्ते समिति से अलग हो गए थे।

बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। घनवट के अलावा, कृषि-अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी समिति के दो अन्य सदस्य हैं। 

शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के प्रमुख घनवट ने कहा कि हम लोग पूसा परिसर में 19 जनवरी को बैठक कर रहे हैं। भविष्य की रणनीति पर फैसला करने के लिए सिर्फ सदस्य ही बैठक में शामिल होंगे।

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