नई दिल्ली। चीन की ओर से भारत के अरुणाचल प्रदेश के अदंर एक गांव बसाए जाने की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमने भारत के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन के निर्माण कार्य पर हालिया रिपोर्ट देखी है। गांव बसाए जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन पिछले कई सालों से अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर से सटे इलाकों में इस तरह की बुनियादी ढांचा निर्माण गतिविधि शुरू की है।

हमारी सरकार ने भी निर्माण आगे बढ़ाया

विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की हरकतों के जवाब में, हमारी सरकार ने भी सीमावर्ती इलाकों में सड़कों, पुलों आदि के निर्माणकार्य को आगे बढ़ाया है। जिसने की सीमा के साथ-साथ स्थानीय आबादी को भी जोड़ने का काम किया है। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि सरकार अरुणाचल प्रदेश सहित अपने नागरिकों की आजीविका में सुधार के लिए सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाली सभी घटनाक्रमों पर सरकार नजर रखती है और अपनी संप्रभुता और क्षेत्री अखंडता की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।

भारत की वास्तविक सीमा से लगभग 4.5 किमी अंदर निर्माण

बता दें कि यूएस आधारित निजी इमेजिंग कंपनी प्लैनेट लैब्स के सैटेलाइट इमेज का हवाला देते हुए कहा जा रहा है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 101 घरों को निर्माण कर एक नया गांव बसाया है। जो कि भारत के वास्तविक सीमा से लगभग 4.5 किमी अंदर है। रिपोर्ट में बताया गया है चीन की ओर से जो गांव बसाया गया है वो Tasri chu नदी के किनारे पर है। हालांकि, अब विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है गांव बसाए जाने का मामला बॉर्डर से सटे इलाकों का है न की अरुणाचल प्रदेश की सीमा के अंदर की।

छोटे आकार के दर्जनों मकान और सड़क बने हुए दिखाई दे रहे

प्लैनेट लैब्स की ओर से मिली दो सैटेलाइट तस्वीरों की तुलना करते हुए बताया जा रहा है कि पिछले 15 महीनों में गांव का बसाया गया है। पहली तस्वीर 26 अगस्त 2019 की बताई जा रही है, जिसमें गांव बसाए जाने वाले स्थान पर कोई निर्माण कार्य नजर नहीं आ रहा है। जबकि दूसरी तस्वीर जो कि 1 नवंबर 2020 की बताई जा रहा है उसमें छोटे-छोटे आकार के दर्जनों मकान और सड़क बने हुए दिखाई दे रहे हैं।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…