टीआरपी डेस्क। उज्ज्वला होम्स संचालक जितेन्द्र मौर्य को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। जितेन्द्र मौर्य पर आश्रय गृह की महिलाओं ने नशीली दवा पिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इसी के साथ ही जितेन्द्र मौर्य पर जिस्मफरोशी के लिए आश्रयगृह की महिलाओं को बाहर भेजे जाने का भी गंभीर आरोप लगा था।

आश्रय गृह की पीड़ित महिलाओं ने सरकंडा थाने में उज्ज्वला होम्स संचालक के खिलाफ दुष्कर्म और छेड़छाड़ का रिपोर्ट दर्ज कराया था। सरकंडा पुलिस ने अपराध कायम कर मामले की विस्तृत विवेचना में जुटी गई। अब सरकंडा पुलिस ने आज उज्ज्वला होम्स के संचालक जितेन्द्र मौर्य को गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है मामला

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक सरकारी उज्ज्वला गृह में रहने वाली महिलाओं ने वहां के कर्मचारियों पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिलाओं ने कथित तौर कहा कि उन्हें देह व्यापार के लिए भी बाहर भेजा जाता था।

इसके साथ वहीं रहने वाली तीन अन्य महिलाओं ने भी आरोप लगाया कि एनजीओ शिव मंगल शिक्षण समिति के कर्मचारी उज्जवला घर चलाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कर्मचारी सेक्स रैकेट भी चला रहे थे।

चाय और पानी में मिलाकर दी जाती थीं नशे की गोलियां

एक 20 वर्षीय पीड़िता बातचीत के दौरान कहा कि पति से झगड़े के बाद 16 जनवरी की शाम मैं घर से भाग गई। घर से 3 किलोमीटर दूर एक बुजुर्ग व्यक्ति मिला। जिसने मुझसे पूछा कि मैं कहां जा रही हूं। फिर उसने किसी को फोन किया। उज्जवला होम का एक कर्मचारी मुझे लेने आया। वहां पहुंचने पर सुबह महिला कर्मचारियों ने मुझे बताया कि मैं नहीं जा सकती। मुझे जिस कमरे में रखा गया था। वहां 18 साल की रेप पीड़िता और 19 साल की महिला 8 जनवरी से रह रही थी।

उसका आरोप है कि आश्रम के लोग परिवारों को समझाते हैं कि इन्हें यहां रखने के लिए दवाओं की जरूरत पड़ती है। चाय और पानी में नशे की गोलियां मिलाकर दी जाती थी। आश्रम के लोगों की बात न मानने पर महिलाओं के कपड़े उतार दिए जाते थे। पीड़िता ने कहा मैंने 17 जनवरी को यहां से भागने की कोशिश की तो उज्जवला होम के प्रबंधक जितेंद्र मौर्य ने मारपीट की। उसके बाद गलत तरीके से छुने की कोशिश की।

इस तरह हुआ खुलासा

जब 20 वर्षीय महिला के पति और पिता वहां पहुंचे तब वहां से 3 महिलाओं को बचाया गया। पीड़िता के पति ने बताया कि उनके सबूत दिखाने के बावजूद उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा था। फिर रिश्तेदारों ने हंगामा शुरू किया तब जाकर महिलाओं को मुक्त किया गया। फिर महिलाओं ने आपबीती सुनाई।

जितेंद्र कुमार मौर्य आईपीसी की धारा 376 और 354 के तहत गिरफ्तार

इन आरोपों के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की निर्देशक और उनकी टीम ने मामले की जांच के लिए बिलासपुर का दौरा किया। इस केंद्र को तत्काल बंद कर वहां रह रहीं लड़कियों को उनके घर या सखी सेंटर भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच की। जिसके बाद आरोपी संचालक जितेंद्र कुमार मौर्य को आईपीसी की धारा 376 और 354 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

स्थानीय पुलिस ने नहीं दिया साथ

महिलाओं का कहना है कि उन्होंने सहायता के लिए पुलिस से भी संपर्क किया था लेकिन अधिकारियों ने उन्हें कथित तौर पर धमकी दी और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

पुलिस की ऐसी लापरवाही के बाद महिलाओं ने बुधवार को बिलासपुर रेंज के आईजी रतन लाल डांगी को एक आवेदन दिया। आवेदन में उज्जवला घर के कर्मचारियों की धमकी, शारीरिक और यौन शोषण के उदाहरणों का उल्लेख किया गया। महिला विभाग के दबाव के चलते पुलिस ने मामले की जांच की।

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