रायपुर। स्कूल फीस को लेकर छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ के बैनर तले रायपुर कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों की पुलिस कर्मियों से झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस ने पालक संघ के अध्यक्ष नजरुल खान और तीन अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पालक हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ने की मांग पर अड़ गए।

स्कूल फीस अधिसूचित करने की मांग

निजी विद्यालयों में फीस अधिसूचित करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ द्वारा पिछले कई महीने से आंदोलन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को रायपुर में कलेक्ट्रेट का घेराव करने बड़ी संख्या में पालक पहुंचे। इस दौरान जिलाधीश ने पालकों से मिलने से मना कर दिया और अपना एक प्रतिनिधि भेजा। इससे आंदोलनकारी नाराज हो गए और कलेक्ट्रेट के रास्ते पर बैठ गए। जिन्हें हटाने के लिए पुलिस ने मशक्कत शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस के जवानों से आंदोलनकारियों की झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस ने छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ के अध्यक्ष नजरुल खान समेत चार लोगों को हिरासत में ले लिया। इस दौरान जिस वाहन में इन्हें ले जाया जा रहा था उसके सामने लोग बैठ गए। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से इन्हें हटाया और चारों को सिविल लाइन थाने ले आई। इधर पालक इस बात पर अड़ गए कि जब तक नजरुल खान और अन्य लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा वे यहां से नहीं हटेंगे। काफी देर बाद पुलिस ने गिरफ्तारी की औपचारिकता पूरी कर चारों को छोड़ दिया।

मनमानी फीस के खिलाफ पालक एकजुट

गौरतलब है कि प्रदेश भर में कतिपय निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने तरीके से पालकों से फीस बढ़ाकर वसूली की जा रही है। जबकि छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ ने सूचना के अधिकार के तहत जिला शिक्षा कार्यालयों से जानकारी मांगी तब पता चला कि अधिकांश विद्यालयों की फीस अधिसूचित ही नहीं है। इस मुद्दे को लेकर कोरोना काल के दौरान भी छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ द्वारा अनेक जिलों में फीस को लेकर प्रदर्शन किया गया और प्रशासन से जांच की मांग की गई मगर अब तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।

कोरोना काल में भी नहीं मिली राहत

पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नजरुल खान ने बताया कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए और लोगों की कमाई का जरिया भी खत्म हो गया था। वहीं दूसरी ओर केवल ऑनलाइन पढ़ाई हुई है। ऐसे में सरकार केवल 30% फीस जमा करने के लिए निजी विद्यालयों को निर्देश जारी करें, मगर इस पर भी कोई पहल नहीं हुई जिसके बाद पालक संघ ने राजधानी में प्रदर्शन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में पालक पहुंचे हुए थे।

स्कूली बच्चे भी आंदोलन में हुए शामिल

कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे कुछ पालकों ने इस दौरान शिकायत की कि जब उन्होंने अपने विद्यालय के प्राचार्य से मुलाकात की और फीस पटाने में असमर्थता जताई तो प्रबंधन ने पालकों के बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट मांगा। इससे भी पालक काफी नाराज हैं, वही आंदोलन में शामिल होने वाले कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि घर पर एक ही मोबाइल होने के चलते उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई में काफी दिक्कत हुई। स्कूल प्रबंध द्वारा इसका समाधान भी नहीं निकाला गया। बहरहाल शिक्षा विभाग का सारा ध्यान नए सत्र में निजी विद्यालयों की फीस नए अधिनियम के तहत तय करने में लगा हुआ है। ऐसे में पिछले सत्र की फीस को लेकर कोई पहल होती है या नहीं, इसका इंतजार पालकों को रहेगा।

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