टीआरपी डेस्क। हर साल की तरह इस साल भी पूरा देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मना रहा है, जो 72वां गणतंत्र दिवस होगा। लेकिन इस बार कोरोना काल और किसान आंदोलन के बीच गणतंत्र दिवस समारोह मनाने का तरीका थोड़ा अलग है।

गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है जो 26 जनवरी को मनाया जाता है। सन 1950 में 26 जनवरी को ही भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। गणतंत्र दिवस के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

कोरोना ने बदल दिया त्यौहार, समारोह मनाने का ढंग

हालांकि इस बार जारी कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के रंगरूप, उसके त्यौहारों, समारोहों को बदलकर रख दिया है। इस वजह से इस बार के गणतंत्र दिवस का रूप भी बदला-बदला नजर आ रहा है।

पूरे देश में इस बार गणतंत्र दिवस समारोह छोटे पैमानें पर किया जाएगा। इस बार दिल्ली में भी कोविड के चलते परेड छोटी रखी गई है। इस बार परेड नेशनल स्टेडियम पर जाकर खत्म हो जाएगी जबकि हर बार लाल किले पर खत्म होती थी। बता दे पहले परेड का रास्ता 8 किलोमीटर से ज्यादा होता था, लेकिन अब 3 किलोमीटर से भी कम रहेगा।

गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान निकालेंगे ट्रैक्टर रैली

इस बार केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ बॉडर्स पर आंदोलन कर रहे किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकलने वाले है।

बता दें ट्रैक्टर राउळी के समर्थन के लिए छत्तीसगढ़ के भी सैकड़ों किसान दिल्ली में आयोजित किसान गणतंत्र परेड में शामिल रहेंगे।

साथ ही बता दें किसान आंदोलन के चलते दिल्ली पुलिस ने इस बार सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। पहले जहां राजपथ के पास टिकट व पास चेक किए जाते थे वहीं अब नई दिल्ली की सीमाओं पर ही पास व टिकट दिखाना होगा।

बता दें कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकाले जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि कोर्ट ट्रैक्टर रैली के मामले में दखल नहीं देगें।

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