टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के कांकेर स्थित अधीश्वर नर्सिंग होम में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ी बोली बोलने पर 6 माह का बैक कर दिया जाता है।

इसके विरोध में शुक्रवार की सुबह 80 की संख्या में नर्सिंग छात्र छात्राएं जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर पत्थरी नर्सिंग इंस्टीट्यूट से पैदल चल कर कलेक्टर के बंगले पहुंचे। छात्र-छात्राओं की मांग थी कि कॉलेज प्रिंसिपल को तत्काल हटाया जाए। छात्र-छात्राओं ने प्रिसिंपल पर मानसिक प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है।

कलेक्टर बंगला पहुंची छात्राओं ने बताया कि हम अपने पालकों से इंस्टीट्यूट प्रताड़ना का शिकायत करते हैं तो पूरा कंपाउंड साफ कराया जाता है। गिट्टी पत्थर तक उठवाया जाता है। प्रिंसिपल हर बात में बैक लगाने की धमकी देते हैं।

छात्राओं ने बताया कि हमारे कॉलेज में ज्यादातर स्टूडेंट छत्तीसगढ़ से हैं। हम सब अलग-अलग गांव से आए है अपना बोली-भाषा बोलते है। प्रिंसिपल ने हमें अपनी भाषा-बोली बोलने तक से मना कर दिया है। छात्राओं ने कहा कि प्रिंसिपल कहते हैं कि अपनी बोली-भाषा बोलते दिखे तो कॉलेज से बाहर कर दिया जाएगा। अपने भाषा में परिजनों से भी बात करने से मना किया जाता है। छात्र -छात्राओं ने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर चंदन कुमार के बंगले में पहुंचे थे। आधेश्वर नर्सिंग इंस्टीट्यूट के सभी छात्र-छात्राएं कलेक्टर से मिलने अड़े रहे।

पुलिस के आला अधिकारियों ने समझाइश के बाद कलेक्टर से 11 बजे के बाद पालक सहित मुलाकात बात पर छात्र वापस चले गए। पूरे मामले को लेकर वहां पहुंचे सिविल सर्जन जिला अस्पताल आरसी ठाकुर ने बताया कि मामले की पूरी जानकारी नही है। छत्तीसगढ़ी बोली बोलने के प्रतिबंध पर नाराजगी जताते हुए जांच और कार्रवाई की बात की।

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