मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग की व्यवस्था करने कलेक्टर्स और वन विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश

रायपुर। branding of finished products by processing agricultural crops in Chhattisgarh मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में वनोपजों, उद्यानिकी और कृषि फसलों के प्रसंस्करण से तैयार किए जा रहे उत्पादों की ब्रांडिंग और उनका सुदृढ़ डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों और वन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इन उत्पादों की एक ब्रांड के रूप में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग की सुदृढ़ व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जारी निर्देशों में कहा है कि राज्य के विभिन्न जिलों में अनेक वनोपजों, हार्टीकल्चर एवं कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। जिलों में भ्रमण के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई है कि जिले स्तर पर विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन तथा प्रसंस्करण तो हो रहा है किन्तु ब्रांडिंग एवं डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क न होने के कारण इन प्रयासों का समुचित लाभ ग्रामीणों को नहीं हो रहा है।

सीएम ने अफसरों से कहा कि राज्य के आदिवासी और ग्रामीण भाईयों को कच्चे माल के संग्रहण तथा प्रसंस्करण का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न जिलों में उत्पादित होने वाले उपयोगी उत्पादों की ब्रांडिंग एवं वितरण का कार्य लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित ‘‘संजीवनी दुकानों एवं निजी क्षेत्र की मदद लेकर किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देशों में यह भी कहा है कि विभिन्न जिलों में उत्पादित विभिन्न सामग्रियों के ‘‘उत्पादन केन्द्र‘‘ को यदि ‘‘वन धन केन्द्र‘‘ के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए, तो प्रति केन्द्र 15 लाख रूपए की आर्थिक सहायता केन्द्र सरकार से तत्काल प्राप्त हो जाएगी।

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