टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों ने शुक्रवार की शाम को एक एंबुलेंस चालक की हत्या कर दी। उस शक्स को पहले डंडों से पीटा गया। फिर कुल्हाड़ी से उसके सिर पर वार किया गया। उसके बाद नक्सलियों ने उसके बड़े भाई को भी अगवा कर लिया। किसी तरह बड़ा भाई अगले दिन नक्सलियों के चंगुल से बचकर गांव लौटा। फिर घटने की जानकारी धनोरा थाने में दी।

एंबुलेंस चालक को पुलिस मुखबिरी की सजा

जानकारी अनुसार, धनोरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस चालक जयराम उसेंडी शुक्रवार को अपने बड़े भाई पिलदास के साथ टेकानार के मुर्गा बाजार गया था। वहां से लौटने के दौरान नक्सलियों ने रास्ते में जयराम की हत्या कर दी। फिर बड़े भाई पिलदास को अगवा कर लिया गया। जिसके बाद नक्सलियों से बचकर किसी तरह पिलदास पेड़ पर चढ़ गया और सारी रात वहीं छिपा रहा।

अगले दिन सुबह नक्सलियों के चंगुल से छूटकर पिलदास ने घटना की जानकारी। उसने बताया कि आधा दर्जन नक्सलियों ने घेराबंदी कर उन्हें रास्ते में रोक लिया था। इसके बाद डंडे से पहले जयराम की पिटाई की। उसके बाद कुल्हाड़ी से उसके सिर पर वार किया गया। नक्सली उसे पुलिस मुखबिरी की सजा दने की बात कहते हुए नारे लगा रहे थे।

पहले भी नक्सलियों ने जयराम के परिवार को भगाया

पिलदास की सूचना पर पुलिस मौके पर रवाना हो गई। वहां जयराम का शव बरामद करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बताया जा रहा है कि करीब आठ साल पहले भी नक्सलियों ने जयराम के परिवार को मकसोली गांव से भगा दिया था। इसके बाद पूरा परिवार धनोरा में आकर बस गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी पूरी तरह से जानकारी सामने नहीं आ सकी है।

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