दिल्ली। 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद एक बार फिर इंटेलिजेंस इनपुट्स ने सुरक्षा एजेंसियों को चेताया है। इनपुट्स में कहा गया है कि किसान आंदोलन के बीच बड़ी तादाद में घातक हथियारों का जखीरा छिपा हुआ है।

खुफिया विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो इनपुट्स में सबसे ज्यादा सेंसटिव सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर बताया गया है। यहां 26 जनवरी की तरह ही 6 फरवरी और उसके आसपास दिल्ली समेत अन्य शहरों में चक्का जाम के बहाने उपद्रवी हिंसा फैलाने की कोशिश करेंगे। इनका इरादा लाल किले की तरह ही धारदार हथियारों के सहारे बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाना होगा।

सूत्रों ने बताया, हरियाणा से सटे बॉर्डर एरिया में खतरा ज्यादा है। यहां पहले से ही बड़े पैमाने पर धारदार हथियार लाकर छिपाए गए हैं। इनपुट्स में पंजाब, हरियाणा के गैंगस्टर समेत देश विरोधी ताकतों की तरफ इशारा किया गया है। जिसमें पाकिस्तान की खुफिया ऐजेंसी आईएसआई की साजिश के तार मुख्य तौर पर जुड़े होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

इधर, खुफिया अलर्ट मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने भी एहतियातन तगड़े सुरक्षा इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। दिल्ली पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस भी किसानों के बीच शरारती तत्वों पर नजर रखे हुए है। साथ ही पंजाब, हरियाणा के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर्स और उनके गुर्गों पर निगरानी रख रही है।

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