टीआरपी डेस्क। सरकार ने Twitter को सख्त चेतावनी देते हुए ‘Farmer Genocide’ Hashtag से चलने वाले सभी अकाउंट ब्लाक करने और उससे जुड़ी सामग्री हटाने का निर्देश दिया है। सरकार ने माइक्रो ब्लागिंग साइट को नोटिस भेजकर चेतावनी दी कि इस हैशटैग से जो सामग्री प्रसारित की जा रही है। वह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि समाज के ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा है।

आदेश का पालन नहीं हुआ तो होगी दंडात्मक कार्रवाई
सरकार ने साफ शब्दों में कहा कि उसके आदेश का पालन नहीं हुआ तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को लेकर मचे घमासान के बीच एक तरफ जहां देश-विदेश के कई सेलिब्रिटी सक्रिय हो गए हैं वहीं Twitter पर “फार्मर्स जेनोसाइड” हैशटैग के साथ सैकड़ों Twitter अकाउंट पिछले शनिवार से माहौल खराब करने में जुटे हुए हैं।
सरकारी आदेश मानने के लिए बाध्य Twitter
सरकार के निर्देश पर Twitter ने उन्हें ब्लाक करने के कुछ घंटों बाद ही अनब्लाक कर दिया। केंद्र सरकार ने Twitter को नोटिस भेजकर साफ कहा है कि नरसंहार की बात बोलना, अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि कानून व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा है। Twitter सिर्फ एक मध्यस्थ है और सरकारी आदेश मानना उसके लिए बाध्यकारी है। नोटिस में आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने कहा कि Twitter पर “Modi Planning Farmer Genocide” हैशटैग से Tweet डाले गए जो पूरी तरह गुमराह करने वाले हैं।
यह Tweet भारत में नफरत व समाज में अलगाव फैलाने की नीयत से किए गए हैं। सरकार ने Twitter की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि कोई प्रतिबंध सिर्फ व्यक्ति विशेष पर लगाया जा सकता है पूरे हैंडल पर नहीं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ मामलों के हवाले से समझाया कि कई बार यह तय करना मुश्किल होता है कि कौन सा खास व्यक्ति माहौल बिगाड़ सकता है और कौन नहीं। ऐसी स्थिति में समग्र रूप से फैसला लेना होता है।
Twitter ने ब्लाक करने के बाद अकाउंट्स किए अनब्लाक
मंत्रालय का कहना है कि सरकार के निर्देश के बावजूद Twitter ने एकतरफा फैसला लेकर उसे अनब्लाक कर दिया। इस मामले में मंत्रालय की गठित कमेटी के सामने Twitter के वकील जब 1 फरवरी को दोपहर 3 बजे पेश होने वाले थे तो ठीक उसके पहले कुछ मिनट के लिए उन Tweet को ब्लाक कर दिया गया। मंत्रालय का कहना है कि उन Tweet तक अब भी सबकी पहुंच हैं। निश्चित रूप से उन्हें फारवर्ड किया जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि Twitter बोलने की आजादी का हवाला देकर उन अकाउंट को सक्रिय रहने की दलील दे रहा है जो सरासर गलत है।
क्या है पुरा मामला
किसान आंदोलन के दौरान पिछले दिनों हैशटैग ‘Modi Planning Farmer Genocide’ के साथ ट्विटर पर कुछ कंटेंट पोस्ट किया गया था। 30 जनवरी से ही कई यूजर्स ट्विटर पर ‘किसान जनसंहार’ (Farmer Genocide) हैशटैग से जुड़े ट्वीट कर रहे थे। इनमें कहा गया था कि मोदी सरकार किसानों के खिलाफ एक बड़ी साजिश रच रही है और किसानों के जनसंहार की योजना बना रही है। इस मुहिम ने अगले 2 दिन में जोर पकड़ लिया।
फिर सरकार ने इस पर नकेल कसने की कवायद शुरू की। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस पर एक्शन लिया था। सरकार ने ट्विटर को कुछ अकाउंट्स को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। ट्विटर ने उन अकाउंट्स को सस्पेंड तो किया, लेकिन वे फिर से एक्टिव हो गए। हैशटैग नहीं हटाया तो होगी दंडात्मक कार्रवाई।
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