टीआरपी डेस्क। हर साल 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं एवं बालिकाओं का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह दिवस विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं एवं बालिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है।

विज्ञान में महिलाओं एवं बालिकाओं का अंतरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य
इसका उद्देश्य विज्ञान व प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में महिलाओं एवं बालिकाओं की समान सहभागिता और भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व भर में विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने वाले संगठनों के साथ मिलकर मनाया जाता है।
इस साल का International Day of Women and Girls in Science थीम है-“COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे महिला वैज्ञानिक”
इस दिवस की शुरुआत कब हुई ?
22 दिसंबर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदायों में प्रमुख भूमिका निभाने वाली महिलाओं और बालिकाओं के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया। जिससे महिलाओं और बालिकाओं के लिए विज्ञान में पूर्ण पहुंच एवं समानता को प्राप्त करने एवं भागीदारी सुनिश्चित करने और भविष्य में लैंगिक सामनता प्राप्त करने और महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाया जा सके। यह दिवस पहली बार 2016 में मनाया गया था।
महिलाओं व बालिकाओं को विज्ञान व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़ावा देने की जरूरत
महिलाओं व बालिकाओं को विज्ञान व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़ावा देना अति आवश्यक है। वर्तमान में विश्व में महिलाओं अनुसंधानकर्ता केवल 30% है। STEM (Science, Technology, Engineering and Mathematics) क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों की अपेक्षा कम हैं।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के आंकड़े दर्शाते हैं कि विज्ञान (Science), टैक्नोलॉजी (Technology), इंजीनियरिंग (Engineering) और गणित (Maths) यानी स्टैम/STEM विषयों में महिलाओं द्वारा प्रकाशित शोध की संख्या कम हैं। उन्हें अपने शोध का मेहनताना भी कम मिलता और पुरुष सहकर्मियों की तुलना में वह करियर में उतना आगे नहीं बढ़ पाती।
विज्ञान में महिलाओं व लड़कियों के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के ज़रिए विकास के लिए विज्ञान में लैंगिक बराबरी सुनश्चित करने और स्टैम विषयों में महिलाओं व लड़कियों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इसकी शुरुआत से महिलाओं व लड़कियों के लिए अधिकारों का रोडमैप ‘प्लेटफ़ॉर्म फ़ॉर एक्शन’ लैंगिक बराबरी की दिशा में प्रगति का एक नया अवसर प्राप्त होता है।
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