टीआरपी न्यूज डेस्क। Valentine’s Day इस वैलेंटाइन अपनी गर्लफ्रेंड या फिर वाइफ को प्यार का इजहार करना महंगा पड़ सकता है, अपने वैलेंटाइन को फूलों के खूबसूरत बुके से इंप्रेस करने के लिए आपको अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी।

दरअसल कोरोना के कारण इस साल फूलों के उत्पादन में गिरावट आई है. यही वजह है कि कीमत में 15-20 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। कीमत में आई इस तेजी के कारण 20 फूलों के बुके की कीमत भी 15-20 फीसदी बढ़ गई है।
एक बुके के लिए चुकाने पड़ेंगे 800 रुपए
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बुके के लिए इस साल आपको कम से कम 800 रुपए देने होंगे, पिछले साल औसत कीमत 700 रुपए के करीब रही थी। ग्लोबल फ्लॉवर डिलिवरी चेन इंटरफ्लोरा के चीफ एग्जिक्युटिव डायरेक्टर तरूण जोशी की माने तो भारत बड़े पैमाने पर फूलों का निर्यात करता है और इंडियन फ्लॉवर्स की विदेशों में डिमांड भी अच्छी है।
कोरोना के कारण निर्यात में परेशानी होने पर किसानों ने कम फूल उगाए और उसकी जगह सब्जियों की खेती की। उनका कहना है कि एक तरफ उत्पादन में गिरावट आई है, दूसरी तरफ ऑनलाइन डिमांड में तेजी आई है, जिसके कारण रेट भाग रहे हैं।
निर्यात में 40 फीसदी गिरावट
कोरोना के बाद इंटरनेशनल फ्लाइट सेवा बंद है, अभी केवल कार्गो विमान को उड़ान की इजाजत है। इसके अलावा एयर बबल के जरिए दो देशों के बीच हवाई संपर्क है। पिछले कुछ महीनों में फूलों के निर्यात में 40 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
क्वॉलिटी में आएगा सुधार
इधर ग्रोअर्स फ्लॉवर काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट श्रीकांत बोलापल्ली का कहना है कि निर्यात में आई गिरावट के कारण इस साल डोमेस्टिक मार्केट में अच्छी क्वॉलिटी के फूल ज्यादा बिकेंगे, फूलों की वेरायटी भी ज्यादा होगी और साइज भी बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत ने 500 करोड़ के 20 मिलियन यानी 2 करोड़ गुलाब के फूल यूरोप और मिडिल ईस्ट में निर्यात किया था। बता दें कि भारत में बेंगलुरू, पुणे, होसूर, कुर्ग और उंटी से बड़े पैमाने पर फूलों का निर्यात किया जाता है।
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