टीआरपी डेस्क। हिमालय पर्वत को महादेव का निवास स्थान होने की पौराणिक मान्यता दी गई है। यहां कई ऐसे धार्मिक महत्व के पूजा स्थल व मंदिर मौजूद हैं जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।

क्या आपको मालूम है कि हिमालय पर्वत माला में केवल अमर नाथ ही नहीं बल्कि एक और स्थान है जहां भगवान शिव हिम शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं मनाली से 25 किलोमीटर दूर सोलंगनाला के पास अंजनी महादेव की जो साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
अंजनी महादेव में साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बना प्राकृतिक शिवलिंग इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। शिवलिंग को देखने के लिए सैलानियों के यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
इस शिवलिंग का आकार 30 फीट से अधिक ऊंचा हो गया है। अंजनी महादेव से गिरता झरना बर्फ बनकर शिवलिग का रूप धारण कर रहा है। शिवलिंग का आकार फरवरी के अंतिम सप्ताह तक बढ़ेगा। तापमान शून्य पर रहने से इसके आकार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शिवलिंग अप्रैल, मई व जून में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।
धार्मिक आस्था का प्रतीक
मान्यता है कि त्रेता युग में माता अंजनी ने पुत्र प्राप्ति और मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी और भगवान शिव ने दर्शन दिए थे। तभी से यहां पर प्राकृतिक तौर पर बर्फ का शिवलिंग बनता है। मान्यता यह भी है कि इस शिवलिंग के दर्शन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
बर्फ में सौ मीटर नंगे पांव होता है सफर
अंजनी महादेव के दर्शन नंगे पांव चलकर किए जाते हैं और श्रद्धालुओं को यह बर्फ नुकसान नहीं पहुंचाता है। पर्यटक श्रद्धालु सौ मीटर की दूरी नंगे पांव तय करते है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह दैवीय चमत्कार ही है कि बर्फ में नंगे पांव चलने से भी श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं होता। यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है लेकिन, अटल टनल के बन्द होने के बाद यहां पर्यटकों का सैलाब उमड़ा है।
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