सुपेबेड़ा में अब तक 90 की मौत,वादा पूरा नहीं होने पर बोतल में पानी लेकर सीएम हाउस पहुंचे ग्रामीण,सीएम से मुलाकात नहीं हो पाई, बड़े आंदोलन की तैयारी
सुपेबेड़ा में अब तक 90 की मौत,वादा पूरा नहीं होने पर बोतल में पानी लेकर सीएम हाउस पहुंचे ग्रामीण,सीएम से मुलाकात नहीं हो पाई, बड़े आंदोलन की तैयारी

रायपुर। गरियाबंद जिले सुपेबेड़ा गांव में किडनी फेल होने से अब तक 90 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। सरकार ने सुपेबेड़ा में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन दो साल गुजार जाने के बाद भी योजना लागू नहीं होने से नाराज ग्रामीण गांव से एक बोतल पानी लेकर सीएम हाउस पहुंचे।

जिसे सुरक्षाकर्मियो ने गेट पर ही रखवा लिया। ग्रामीणों ने उनसे कहा कि वे इस बोतल का पानी पीकर दिखाएं। ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल में सेंदमुड़ा, मोटरापारा, सागोनबाड़ी, खम्हारगुड़ा, खोकसरा, केरलीगुड़ा, निष्टीगुड़ा, परेवापाली के लोग शामिल थे।

दो साल में पूरा नहीं किया वादा

आपको याद दिला दें कि अक्टूबर 2019 में राज्यपाल अनुसूईया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सुपेबेड़ा गांव में पहुंचे थे। ग्रामीणों को बेहतर इलाज और साफ पानी देने का वादा किया था। कहा था कि पेयजल के लिए सरकार ने 16 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। वादा पूरा नहीं हुआ तो सुपेबेड़ा सहित 9 गांवों के लोग CM हाउस पहुंच गये।

निविदा जारी होने के बाद भी शुरू नहीं हुआ काम

तेलनदी से फिल्टर पानी गांव तक पहुंचाने की परियोजना के लिए निविदा भी जारी हुई, काम शुरू भी हुआ था, लेकिन पिछले पांच महीनों से काम बंद है। ग्रामीणों ने स्थानीय अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने परियोजना की फाइल सचिवालय में होने की बात कह दी। कहीं से भरोसा नहीं मिला ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया।

कलेक्टर से चर्चा में नहीं निकला कोई हाल तो राजधानी के लिए किया मार्च

जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह 7.30 बजे सुपेबेड़ा और आसपास के गांवों के 80-90 लोग गरियाबंद के लिए रवाना हुए थे। कोशिश थी कि कलेक्टर से मिलकर तेल नदी पर प्रस्तावित सुपेबेड़ा पेयजल योजना को शुरू कराने का था।

कलेक्टर से बात के बाद कोई समाधान निकलता नहीं दिखा तो ग्रामीणों ने सरकार को उनका वादा याद दिलाने की कोशिश की। वे उसी बस से राजधानी आ गये। शाम को वे शहर में घुसे ही थे कि पुलिस ने उन्हें पचपेड़ी नाका के पास रोक लिया। ग्रामीण बसोें से उतरकर वहीं धरने पर बैठ गये। करीब डेढ़ घंटे बाद मुख्यमंत्री निवास से अफसरों को फोन गया। ग्रामीणों में से 10 को प्रतिनिधि के तौर पर CM हाउस बुलाया गया।

CM हाउस में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और सचिवालयीन अधिकारियों से बात

CM हाउस पहुंचने पर उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नहीं मिले। कहा गया कि वे बाहर हैं। गृह और लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की।

ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल सुपेबेड़ा गांव के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया, गृह मंत्री भी टेंडर जल्द निकालने की बात कह रहे थे। लेकिन कोई यह नहीं बता रहा था कि परियोजना पर काम कब से शुरू हो जाएगा। करीब आधे घंटे की बातचीत के बाद भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर ग्रामीण निराश होकर गांव लौट गए।

बड़े आंदोलन की तैयारी

सुपेबेड़ा के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया, ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में परियोजना शुरू करने के लिए 7 दिनों का समय दिया है। अगर तब तक काम शुरू नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा। हम लोगों ने ब्लॉक मुख्यालय देवभोग में प्रदर्शन होगा। सरकार ने नहीं सुनी तो हम लोग दिल्ली जाकर प्रदर्शन को भी तैयार हैं।

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