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रायपुर। बीते एक वर्ष से बंद शासकीय शालाओं को खोलने के राज्य शासन के मंत्रिपरिषद के निर्णय का शिक्षक स्वागत तो कर रहे हैं, मगर स्कूल खुलने से पहले शिक्षकों व शाला के कर्मचारियों को कोरोना बचाव हेतु कोरोना वैक्सीनेशन की मांग उठने लगी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस, सिंहदेव को लिखे पत्र में शिक्षकों और कर्मचारियों के संगठन ने प्रदेश एवं देश में निरंतर कोरोना के घटते प्रकरणों पर संतोष व्यक्त किया है। अन्य राज्यों या प्रदेश के कुछ जिलों में स्कूल खोलने और उसके बाद कोरोनावायरस के संक्रमण की घटना को दृष्टिगत रखते हुए स्कूल खोलते समय शिक्षकों व स्टाफ का वैक्सीनेशन करने की मांग की है। इसके बाद धीरे-धीरे बच्चों का भी टीकाकरण किए जाने का सुझाव भी दिया गया है, अन्यथा स्कूल खोलने का निर्णय खतरे से खाली नहीं होगा।

गौरतलब है कि कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में 15 फरवरी से शालाओं को खोलने का निर्णय लिया है। मंत्रिपरिषद के निर्णय के तत्काल बाद स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्रालय ने इस संबंध में तत्काल आदेश भी प्रसारित कर दिए हैं। आदेश में केंद्र सरकार के कोरोना संबंधी परामर्श एवं राज्य सरकार के कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए स्कूल खोलने का आदेश जारी किया गया है। किंतु प्रदेश में तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी कोरोना के प्रकरण व मृत्यु लगातार जारी है।

ऐसी स्थिति में केवल मास्क, सैनिटाइजर, हैंडग्लोब्स से शिक्षक व बच्चों को सुरक्षित रख पाना संभव नहीं होगा। जिस तरह प्रदेश में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारियों को वैक्सीन लगाया गया है। उसी प्रकार प्रदेश के शिक्षक, शालाओं में कार्यरत लिपिक, भृत्य, स्कूल सफाई कर्मचारी, वाहन चालक आदि सभी सेवकों को भी कोरोना से सुरक्षा के लिए टीकाकरण कराया जाना पालक एवं बालक हित में तथा राज्य हित में उचित होगा।

केंद्र के निर्देशों के तहत होगा वैक्सीनेशन : डॉ. आलोक शुक्ला

शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला ने टीआरपी न्यूज़ से चर्चा में बताया कि स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों के वैक्सीनेशन की कोई योजना नहीं है। फिलहाल केंद्र की गाइडलाइन के आधार पर कोविड के टीके लग रहे हैं, उसी के आधार पर ही टीकाकरण होगा।

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