ब्रेकिंग: 38 लाख रुपए का हुआ Bitcoin का 1 'सिक्का', भारत में है बैन
ब्रेकिंग: 38 लाख रुपए का हुआ Bitcoin का 1 'सिक्का', भारत में है बैन

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन के एक सिक्के की कीमत वायदा बाजार में 51737 डॉलर यानी करीब 38 लाख रुपए आंकी गई है। बता दें कि अमरीकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने जबसे क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में निवेश किया है तब से इसकी उड़ान रुकने का नाम नहीं ले रही। बिटकॉइन वायदा से पता चलता है कि व्यापारियों को क्रिप्टो रैली अभी थमने वाली नहीं है। गुरुवार बिटक्वाइन की कीमत 51737 डॉलर यानी करीब 38 लाख रुपए पर थी।

बता दें बिटक्वाइन की कीमत बुधवार को नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है। इसका भाव 52000 डॉलर के पार चला गया। एक दिन पहले ही बिटकॉइन पहली बार 50000 डॉलर के पार गया था। बुधवार को इसने 52,577.50 डॉलर के स्तर को छू लिया, हालांकि बाद में यह 6.3 फीसदी की तेजी के साथ 52233 डॉलर पर बंद हुआ।

कैसे खरीदा-बेचा जाता है Bitcoin को

आप Bitcoin को क्रिप्टो एक्सचेंज से या सीधे किसी व्यक्ति से ऑनलाइन (पियर-टू-पियर) खरीद सकते हैं। दूसरे वाला माध्यम खासा जोखिम भरा है और इसे धोखेबाज भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके एक्सचेंज भी किसी तरह के नियमन से नियंत्रित नहीं होते

भारत में इन्हें दीवानी और आपराधिक कानूनों के दायरे में रखा गया है, जैसे कांट्रैक्ट एक्ट, 1872 तथा भारतीय दंड संहिता, 1860। इनमें निवेश करने से पहले जांच लें कि एक्सचेंज का पंजीकृत पता कहां है और वह भारतीय कानून के अधीन निगमित है या नहीं। कुछ एक्सचेंज केवाईसी और एंटी मनीलॉड्रिंग प्रक्रियाओं का भी पालन करवाते हैं।

मंदी के दौर में 2009 में किया गया था लांच

आपको बता दें कि करीब 350 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ बिटक्वाइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। इसे 2009 में उस समय लांच किया गया था जब दुनिया में आर्थिक संकट आ चुका था।

गणितीय गणनाओं के हल के आधार पर कंप्यूटरों ने बिटक्वाइन के अतिरिक्त यूनिट्स को तैयार किया। यह गणना हर बार यूनिट के जोड़े जाने के बाद और भी जटिल होती जाती है।

आभासी मुद्रा की सबसे रोचक बात यह है कि इसका हिसाब-किताब हजारों कंप्यूटरों में एक साथ सार्वजनिक लेजर में रखा जाता है। यह ठीक उस प्रक्रिया के उलट है जिसमें पारम्परिक मुद्राओं का हिसाब बैंकों के सर्वर में रखा जाता है।

​डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन 2009 में आया था। नौ फरवरी 2011 को पहली बार इसकी कीमत एक डॉलर पर पहुंची।

17 फरवरी 2021 यानी बुधवार को इसने 52,577.50 डॉलर के स्तर को छू लिया।

यह 48226 डॉलर (9 फरवरी 2021) पर पहुंच गई है।

बिटकॉइन की कीमत पिछले साल मार्च से अब तक 8 गुना हो चुकी है।

इसकी मार्केट वैल्यू सितंबर 2020 से अब तक 700 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ चुकी है। पिछले तीन महीने में ही इसका रेट करीब 200 प्रतिशत चढ़ा है।

सिर्फ इस साल में ही बिटकॉइन ने 70 फीसदी से भी अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की है।

ऐसे बांटा जाता है बिटक्वाइन में मुनाफा

प्रारंभिक रूप से बिटक्वाइन को टेक प्रोफेशनल्स या फ्रीलांसर द्वारा प्रयोग में लाया जाता था जिसमें उन्हें शुरुआती वर्षों में छोटे-छोटे भुगतान किए जाते थे। वर्ष 2017 तक आते-आते यह उस वक्त एक निवेश उत्पाद में तब्दील हो गया जब इसका दाम 20 गुना बढ़ गया और दिसंबर 2017 में इसने 20000 डॉलर (12.6 लाख का भाव) हासिल कर लिया।

2018 में इसमें जबरदस्त गिरावट आई और यह गिरकर 2.3 लाख रुपए प्रति यूनिट तक आ गया। मार्च 2020 में कोविड की दस्तक के बाद इसने फिर तेजी की राह पकड़ी। अब यह पिछला शीर्ष स्तर पीछे छोड़ 13.97 लाख रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच चुका है।

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